लोनी:- एक प्रशिक्षु दरोगा जगपाल सिंह पर भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है, जिसने उधारी के 15 हजार रुपये दिलाने के लिए 5 हजार रुपये की रिश्वत लेने की बात सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में स्वीकार की। चौकी प्रभारी ने वीडियो के आधार पर रिपोर्ट दर्ज करवाई, जिससे भ्रष्टाचार के खिलाफ एक और कदम उठाया गया है।
इस वीडियो में, प्रशिक्षु दरोगा जगपाल सिंह एक व्यक्ति को किसी मुकदमे से बचाने के लिए पैसे की मांग करते हुए स्पष्ट रूप से देखे जा सकते हैं। वीडियो में वह व्यक्ति को पहले पांच हजार रुपये देने की बात करता है और शेष सात हजार रुपये बाद में लेने की शर्त रखता है। इसके साथ ही, वीडियो में जगपाल सिंह ने व्यक्ति को अपशब्द भी कहे हैं, जो उसके आपत्तिजनक और अवैध आचरण को दर्शाता है।
वीडियो के वायरल होते ही पुलिस विभाग की छवि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। इस मामले में तत्काल कार्रवाई करते हुए, अधिकारियों ने जगपाल सिंह को निलंबित कर दिया और उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 7 भ्रष्टाचार अधिनियम, 13 और 352 के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई है। इस घटनाक्रम के बाद, एक विभागीय जांच भी शुरू की गई है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि विभाग में भ्रष्टाचार के ऐसे मामलों को कठोरता से निपटाया जाए। पुलिस विभाग ने इस घटना को बहुत गंभीरता से लिया है और अपने अनुशासन और पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए ठोस कदम उठाने का संकल्प लिया है। विभागीय जांच के परिणामस्वरूप, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि भ्रष्ट तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और विभाग की साख को पुनः बहाल किया जाए। इस मामले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पुलिस विभाग किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेगा और इसकी जांच में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी।
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