कोलकाता। दार्जिलिंग जिले के फांसीदेवा इलाके में कल दुर्घटनाग्रस्त हुई कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन मरम्मत कार्य पूरा होने के बाद सियालदह रेलवे स्टेशन पर पहुंची। हादसे में 8 लोगों की मौत हो गई और करीब 25 लोग घायल हो गए हैं। कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन दुर्घटना में घायल हुए लोगों का उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है। ट्रेन हादसे को लेकर डीआरएम सियालदह दीपक निगम ने कहा कि हमने यात्रियों से उनका हाल पूछा है। डॉक्टरों की टीम और आरपीएफ की टीम भी मौके पर है। हमारे पास स्टैंडबाय पर एम्बुलेंस भी हैं, जरूरत पड़ने पर हम उनका उपयोग करेंगे।
केंद्रीय मंत्री और पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि ज्यादातर घायलों की स्थिति में सुधार हुआ है। 3 घायल ICU में है और एक बच्ची PICU में है। शुरूआती जांच में पता चला है कि मानवीय गड़बड़ी की वजह से ये हादसा हुआ है। मैं पहले ही कह चुका हूं कि ये समय ऐसा नहीं है कि हम इसमें राजनीति करें या एक-दूसरे पर सवाल उठाएं। हम नहीं चाहते कि इस समय कोई राजनीति हो। ममता बनर्जी मुख्यमंत्री बनने के बाद जब उन्हीं की पार्टी के नेता रेलवे मंत्री बने थे तो उन्होंने संसद में कहा था कि उन्होंने रेलवे को ICU से बाहर निकाला। ये बात उन्हीं की पार्टी के नेता ने कही थी। वहीं दार्जिलिंग जिले के फांसीदेवा इलाके में कल जब ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त हुई तो उसमें मौजूद एक यात्री ने बताया कि हम सब बैठे हुए थे फिर अचनाक जोर से झटका हुआ। मालगाड़ी ने पीछे से टक्कर मारी। हम लोग दार्जिलिंग घूमने गए हुए थे हम छत्तीसगढ़ से हैं। हम लोग यहां सुरक्षित पहुंच चुके हैं। वहां से निकलने के बाद हमें कोई असुविधा नहीं हुई है हम सुरक्षित यहां पर आ गए। ट्रेन हादसे को लेकर रेलवे के अधिकारियों से लेकर नेताओं तक का कहना है कि जो लोग ट्रेन हादसे में अपनी जान गवाएं हैं उनकी पहचान की जा रही है। केंद्र सरकार और रेलवे विभाग की ओर से हर संभव घायलों और मृतकों के परिवार वालों की मदद की जाएगी। फिलहाल पूरे ट्रेन हादसे की बारीकी से जांच कराई जा रही ताकि यह पता चल सके की हादसा किसकी लापरवाही की वजह से हुआ है। रेलवे के अधिकारियों को यह भी कहना है कि जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी
रेलवे में क्या हो रहा, कोई नहीं जानता
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि जब मैं रेल मंत्री थी, मैंने 2-3 बड़ी रेल दुर्घटनाएं देखीं। उसके बाद मैंने सुनिश्चित किया कि टक्कर रोधी उपकरण तैयार हो जिसके बाद ट्रेनों की टक्कर बंद हो गई थी। आज रेलवे में क्या हो रहा है, कोई नहीं जानता। रेल मंत्रालय में कई मुद्दे हैं। अलग से रेलवे बजट बंद कर दिया गया है और इस विभाग को अब पर्याप्त महत्व नहीं मिल रहा है। मैं रेलवे के बारे में सब जानती हूं, कुछ भी नया नहीं किया गया है।
Discussion about this post