गाजियाबाद। डीजे आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज की छात्रा लक्ष्मी गुप्ता हत्याकांड का खुलासा करने के लिए अब पुलिस पांच संदिग्धों का पालीग्राफी टेस्ट कराएगी। इसके लिए पुलिस कोर्ट से अनुमति मांगने की तैयारी में है। अगर कोर्ट अनुमति देता है तो विधिक प्रक्रिया पूरी करने के बाद पांचों का पालीग्राफी टेस्ट होगा। जबकि इसके बाद जरूरत पड़ने पर नार्कोटेस्ट भी कराया जाएगा। ताकि असली गुनाहगार पकड़ा जा सके।
दरअसल, जनपद कन्नौज के छिबरामऊ निवासी कारोबारी धर्मेंद्र गुप्ता की 23 वर्षीय पुत्री लक्ष्मी मोदीनगर-निवाड़ी मार्ग स्थित दिव्य ज्योति आयुर्वेदिक कॉलेज में बीएएमएस की तृतीय वर्ष की छात्रा थी। लक्ष्मी गुप्ता सूर्या एंक्लेव स्थित नगर पंचायत पतला के पूर्व चेयरमैन मनोज शर्मा के हॉस्टल (पीजी) में रहती थी। बीते वर्ष 15 जून 2023 को लक्ष्मी गुप्ता का शव पीजी के कमरे में रोशनदान से लटका मिला था। मौत से एक दिन पहले ही लक्ष्मी ने नीट की परीक्षा पास की थी। इसके एक दिन बाद हुई लक्ष्मी की मौत से परिजनों पर गम का पहाड़ टूटा था। पुलिस शुरू में तो घटना को खुदकुशी मान रही थी। परिजनाें ने खुदकुशी को नकारते हुए अज्ञात के खिलाफ हत्या में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। वीडियोग्राफी के बीच चिकित्सकों के पैनल ने शव का पोस्टमार्टम किया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला दबाकर हत्या की बात सामने आई थी।
इन पर है पुलिस को शक
इससे पहले पुलिस ने हॉस्टल संचालक व नगर पंचायत पतला के पूर्व चेयरमैन मनोज शर्मा और उनके बेटे सहित पांच लोगों का नार्काें परीक्षण कराने की अनुमति न्यायालय से ली थी। पुलिस ने कुल छह लोगों के नार्कों परीक्षण की अनुमति मांगी थी, जिसमें से लक्ष्मी गुप्ता की एक सहपाठी ने अपनी सहमति नहीं दी थी। नार्काे से पहले अब पांचों संदिग्धों का पॉलीग्राफ परीक्षण होगा।
पुलिस को चुनौती बना हत्याकांड
लक्ष्मी गुप्ता हत्याकांड का खुलासा पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है। हत्याकांड की जांच अब एसीपी मोदीनगर ज्ञानप्रकाश राय कर रहें है। एक्सपर्ट क्राइम सीन भी दोहरा चुके हैं, मगर पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पा रही है। जांच जितना आगे बढ़ रही है, पुलिस उतनी ही उलझती जा रही है। पुलिस अभी तक की जांच के आधार पर हत्या या आत्महत्या की पहेली में ही फंसी हुई है। क्योंकि पुलिस अभी तक कोई ठोस साक्ष्य नहीं जुटा सकी है।
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