सहारनपुर। सूबे के मुखिया आदित्यनाथ ने कैराना में जनसभा में कहा कि प्रयागराज का एक माफिया पिछड़ी जाति के व्यक्ति की हत्या करके उसकी प्रापर्टी पर कब्जा कर लेता था लेकिन हमने उस माफिया की कब्जाई जमीन पर गरीबों का घर बनाकर दिए। वह लोगों को परेशान करता था। अब वह कहां है? सब जानते हैं। हालांकि इस दौरान उन्होंंने मरहूम माफिया अतीक अहमद का नाम नहीं लिया।
कहा कि आज कोई नौजवान के भविष्य के साथ खिलवाड़ करेगा तो उसके बाप-दादा की संपत्ति जब्त करके गरीबों में बंटवा देंगे। पहले माफिया सिर चढ़कर बोलते थे। छोटी-छोटी बात पर दंगा होता था। आज दंगा करने वाले भूल गए। अब उल्टा लटका दिया जाता है। दंगा करते हैं तो नीचे मिर्च का छौंका लगा दिया जाता है, जिससे वह दंगा करना हमेशा के लिए भूल जाएं। अपराधियों को लेकर कहा कि आज कोई जेल में और कोई जहन्नुम में। बाकी जो बचे स्वयं रामनाम सत्य की यात्रा पर निकल गए। आप देख रहे होंगे। सपा के लोग उनके सामने दुम दबा के चलते थे। कांग्रेस के लोग कैसे नतमस्तक हुआ करते थे। जब ये चलते थे तो मुख्यमंत्री और मंत्रियों के काफिले रुक जाते थे। सरकार बदली तो हमने कहा ये काफिले और हूटर बंद होना चाहिए। फिर उनकी गर्मी शांत कर दिया गया। जिनकी गर्मी शांत हो गई है, उन्हें ये जातिवादी फिर से पनपने दे रहे हैं। उन्हें पनपने न देना। ऐसे लोग आएंगे वोट मांगने तो उन्हें जवाब देना।
फतवा तय नहीं करता वैक्सीन
आज तो यूपी में लोग दंगा करना भी भूल गए। पत्थरबाजी भी भूल गए। छोटी-छोटी बात पर पत्थरबाजी करने लगते थे। पहले होली, दीवाली, रक्षाबंधन पर कर्फ्यू लग जाता था। 70 साल तक सबको शासन का अवसर मिला। सपा-बसपा और कांग्रेस ने राज किया। ये देवबंद था, देवभूमि के मार्ग था। उसे मजहबी जुनून के लिए अखाड़ा किसने बना दिया। थोड़ी सी बात के लिए फतवा जारी कर दिया जाता था। वैक्सीन भी कैसे दी जाएगी, क्या ये फतवा तय करेगा।
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