गाजियाबाद। जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर और शिव शक्ति धाम के महंत यति नरसिंहानंद गिरी ने ऐलान किया है कि 6 मार्च को अपने शिष्यों के साथ वह दारू दारुल उलूम जाएंगे। वहां इस्लाम के इतिहास के परिपेक्ष्य में दारुल उलूम के मौलानाओं से गज़वा ए हिन्द का अर्थ समझने का प्रयास करेंगे। महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने योगी आदित्यनाथ से मदद करने का भी निवेदन किया।
शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर व श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने गज़वा ए हिन्द को लेकर दारुल उलूम देवबंद की मजलिस ए शूरा के निर्णय के लिये दारुल उलूम की मजलिस को धन्यवाद दिया है। महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद का मानना है कि दारुल उलूम देवबंद की मजलिस ए शूरा ने गज़वा ए हिन्द को सही ठहरा कर भारत के गैर मुस्लिमों के प्रति अपने खूनी इरादों को साफ कर दिया है। महामंडलेश्वर ने अपने शिष्यों के साथ एक वीडियो जारी करके 6 मार्च 2024 को दारुल उलूम देवबन्द जाकर गज़वा ए हिन्द को ठीक तरह से समझने के लिये एक शास्त्रार्थ करने का निर्णय लिया है।
बिना सुरक्षाकर्मी के पहुंचेंगे
महामंडलेश्वर ने कहा है कि वो बिना किसी शस्त्र और सुरक्षाकर्मियों के 6 मार्च 2024 को दारुल उलूम देवबंद जायेगे। जहां वो देवबन्द के मौलानाओ से इस्लाम मे ग़ज़वो के इतिहास के प्रकाश में गज़वा ए हिन्द को समझने का प्रयास करेंगे ताकि सारे भारतवासी इसे अच्छी तरह समझ सकें।
अर्थ समझना सभी को जरूरी
वीडियो में उन्होंने यह भी कहा कि इतिहास में इस्लाम के जितने भी ग़ज़वे मोहम्मद की मर्जी से किसी स्थान पर हुए हैं। उस स्थान पर काफिरो और मुशरिकों का सम्पूर्ण विनाश करके उनकी औरतो व बच्चों को गुलाम बनाकर तथा उनकी सारी धन संपत्ति को लूट कर ही पूर्ण हुए हैं। इसका कोई एक भी अपवाद नहीं है। इस घृणित इतिहास के संदर्भ में गज़वा ए हिन्द का सही अर्थ समझना आज सभी के लिये जरूरी हो गया है जो दारुल उलूम देवबंद के मौलाना ही समझा सकते हैं।
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