गाजियाबाद। सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड में 191 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के मामले में सीबीआई ने जांच शुरू कर दी है। टीम ने यहां बुधवार को छापेमारी भी की है। सीबीआई की यह कार्रवाई गाजियाबाद समेत दिल्ली, गुरुग्राम, समाना, चेन्नई आदि सात जगहों पर हुई है। यहां से टीम ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए हैं।
सीबीआई ने एक शिकायत पर जो एफआईआर दर्ज की है, उसमें सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड के तत्कालीन तीन अधिकारियों आरके अग्रवाल, संजय उप्पल, एके जिंदल सहित विनीत शर्मा, सीएम जैन और गमेसा विंड टरबाइन प्राइवेट लिमिटेड को आरोपी बनाया है। विनीत शर्मा पॉवर एनर्जी कंसलटेंट्स के रिप्रेजेंटेटिव हैं और गाजियाबाद के न्यू आर्यनगर में रहते हैं। सीबीआई ने न्यू आर्यनगर में विनीत शर्मा के आवास पर तलाशी अभियान चलाया है। टीम यहां कई घंटे तक रही और महत्वपूर्ण दस्तावेजों की छानबीन की। टीम ने यहां से कुछ दस्तावेज भी कब्जे में लिए हैं।
मानक के अनुरूप नहीं हुआ था काम
सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड भारत सरकार का एक सार्वजनिक उपक्रम है। आरोप है कि उक्त कंपनी ने अहमदनगर (महाराष्ट्र) में पवन ऊर्जा संयंत्र की स्थापना के लिए दोषपूर्ण व्यवहार्यता रिपोर्ट दी थी। इन आरोपियों ने निविदा निर्देशों के अनुसार उपकरण और सामग्री की उचित आपूर्ति व स्थापना सुनिश्चित नहीं की। जिसके परिणाम स्वरूप उक्त संयंत्र का प्रदर्शन कम हो गया। ऐसे में सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड को 191 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।
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