गाजियाबाद। जिले में साइबर क्राइम सेल पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद ने 13 महीने में अलग अलग तरीके से की गई साइबर ठगी की घटनाओं का शिकार हुए लोगों की दो करोड़ 75 लाख 45 हजार 387 रुपए वापस कराए हैं। इसके अलावा पुलिस साइबर ठगी के प्रति लोगों को लगातार जागरूक भी कर रही है।
अपर पुलिस उपायुक्त अपराध ने बताया कि ज्यादा लोगों से क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने, टेलीग्राम के माध्यम से टास्क पूरा कराने, क्रिप्टो करेंसी में इंवेस्ट कराने, वर्क फ्राम होम, टावर लगाने के नाम पर ठगी करने, पालिसी के नाम पर खातों में रुपये जमा कराने, रिश्तेदार बनकर खातें से यूपीआई के माध्यम से रुपये ट्रान्सफर कराने, व्हाटसएप वीडियो कॉल के माध्यम से सेक्सटॉर्शन फ्राड, गूगल से ऑनलाइन हेल्पलाइन नम्बर लेकर ठगी की गई। साइबर सेल ने ऐसे मामलों की शिकायत पर बैंकों के नोडल से संपर्क कर उन बैंक खातों को जिनमें साइबर ठगों द्वारा धनराशि का ट्रान्सफर कराया गया, तत्काल फ्रीज कराया। साइबर ठगी का शिकार हुए लोगों के रुपए वापस मिलने से उनके चेहरे पर खुशी की लहर दिखाई दी। साइबर ठगी के शिकार हुए लोगों से पुलिस ने अपील की कि वह अपने मिलने वालों को भी साइबर ठगी के प्रति जागरूक करें ताकि उनका पैसा कोई भी न ले पाए। जरा सी लापरवाही और लालच की वजह से लोग अपनी वर्षों की मेहनत की कमाई गवा देते हैं।
13 महीने में वापस कराई 136 लोगों की रकम
साइबर सेल ने 26 नवंबर 2022 से 25 दिसंबर 2023 तक साइबर ठगी के शिकार हुए 136 लोगों की तकरीबन दो करोड पचहत्तर लाख पैंतालीस हजार तीन सौ सतासी रुपए बड़ी रकम वापस कराई है। पुलिस का कहना है कि साइबर ठगी करने वाले कई अपराधियों को भी गिरफ्तार किया गया है। साइबर ठग अक्सर लोगों को रुपए डबल करने, नौकरी लगवाने उन टास्क का लालच देकर लाखों करोड़ों रुपए की ठगी कर लेते हैं। लोग लालच में आकर ठगी का शिकार होते हैं।
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