गाजियाबाद। हिंदू युवक से अफेयर से बौखलाकर बहन की हत्या करने वाले दोनों भाइयों को जेल भेजा गया है। इधर, मृतका शीबा की लाश को एनडीआरएफ की टीम गंगनहर में खंगाल रही है लेकिन सोमवार देर रात तक शव नहीं मिल सका है।
मामले में वादी पुलिस ही बनी है। मुकदमा हत्या व हत्या के बाद शव को छिपाने की धारा में दर्ज किया गया है। सोमवार को भी एनडीआरएफ व पीएसी की टीम ने शव को खोजने के लिए मुरादनगर गंग नहर में सर्च आपरेशन चलाया। लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। टीम ने रेलवे पुल से लेकर चित्तौड़ा पुल और नाहल तक तलाश की। शनिवार को शव फेंका गया था, लेकिन तीसरे दिन भी शव नहीं मिला। अधिकतर मामलों में देखा गया है कि गंग नहर में शव फेंकने के बाद तीसरे दिन शव फूलकर ऊपर आ जाता है। ऐसे में टीम को संभावना है कि सोमवार देर रात या मंगलवार को शव मिलेगा। उधर, शव नहीं मिलना पुलिस के लिए सिरदर्द बना है। चूंकि, जब तक शव नहीं मिलता तब तक आरोपितों पर लगा हत्या का आरोप भी कोर्ट में सिद्ध करना पुलिस के लिए मुश्किल होगा।
ये था मामला
रुड़की के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के जलालपुर की सीबा (19) का गांव के ही आतिश से प्रेम प्रसंग था। इससे परिवार के लोग नाखुश थे। लगातार समझाने के बाद भी सीबा नहीं मानी तो उसे दिल्ली के शाहदरा में ताऊ के बेटे के यहां भेज दिया गया, लेकिन इसके बाद भी आतिश से बातें जारी रही। इसलिए आरोपित भाई सुफियान और ताऊ के बेटे महराज ने मिलकर सीबा की गला दबाकर हत्या कर दी। उसका शव मुरादनगर गंगनहर में रेलवे पुल के पास फेंक दिया। आरोपित सीबा का घूमाने के बहाने यहां लाये थे।
पुलिसकर्मियों को मिला इनाम
हत्या करने के बाद दोनों आरोपी जब भाग रहे थे तो पुलिसकर्मी अमित व प्रदीप वहां चेकिंग कर रहे थे। उन्होंने रोककर पूछताछ की तो आरोपित हक्के-बक्के रह गए। मेहराज तो भागने की कोशिश करने लगा। उनकी गतिविधि को संदिग्ध भांपते हुए अमित व प्रदीप दोनों को पकड़कर मुरादनगर थाने ले आए। यहां पूछताछ की तो आरोपितों ने अपना जुर्म कबूला। उत्कृष्ट कार्य के लिए डीसीपी ग्रामीण विवेक चंद यादव ने दोनों पुलिसकर्मियों को दस हजार का नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया है।
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