गाजियाबाद। वाहनों के लोन की रिकवरी करने वाले तीन एजेंट पुलिस ने पकड़े हैं। इनके पास से पुलिस की फर्जी मुहरें मिली हैं। वाहनों की रिकवरी करने के बाद पुलिस को सूचना न देकर आरोपी बैंक और वाहन मालिकों को पुलिस से संबंधित कागजों की फर्जी मुहर लगाकर उपलब्ध करा देते थे।
पुलिस ने बताया कि ऐसे वाहन स्वामी जो लोन नहीं चुका पाते हैं। उनके वाहनों की रिकवरी के दौरान इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को देनी होती हैं। जिसके बाद पुलिस के सुपरविजन में वाहनों की रिकवरी बैंक कर्मचारियों और रिकवरी एजेंट द्वारा की जाती है। जिसके संबंध में जरूरी दस्तावेज भी पुलिस जारी करती है, लेकिन पकड़े गए ये एजेंट खुद ही फर्जी मुहर का इस्तेमाल कर बैंक और वाहन मालिकों को रिकवरी के कागज उपलब्ध करा दिया करते थे। गिरफ्तार आरोपियों से गाजियाबाद के विजय नगर थाने की मुहर के साथ ही वाराणसी के लंका थाने की मुहर पुलिस ने बरामद की है।
सरगना की तलाश जारी
एसीपी पुलिस इन आरोपियों से पूछताछ में जुटी हैं। जिसके बाद कुछ और मुहर भी इनसे बरामद हो सकती हैं। हालांकि इस गैंग का सरगना अभी फरार है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान हरीश, प्रिंस और सूरज उर्फ रोनित के रूप में हुई है।
दबंगई से भी नहीं चूकते
पुलिस के मुताबिक वाहनों की रिकवरी के दौरान ये आरोपी दबंगई से भी नहीं चूकते थे। वाहन मालिक के जरा से विरोध पर हाथापाई तक कर डालते थे। वहीं पुलिस के दस्तावेज दिखाकर प्रेशर बनाते थे। जबकि वो दस्तावेज फर्जी होते थे। आरोपियों से फिलहाल पूछताछ जारी है।
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