ग्रेटर नोएडा। फ्लैट खरीदने के नाम पर लोन कराया गया और वो रकम भी डकार ली गई। खरीदार को जब इस दगाबाजी का एहसास हुआ तो उसने मैसर्स यूनिबेरा डेवलपर्स के निदेशक हेमंत समेत दो तत्कालीन बैंक मैनेजर और कर्मचारी आसिफ, अवनीश के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया है। खरीदार का आरोप है कि उसे फ्लैट पर कब्जा नहीं दिया गया।
घटना की एफआइआर बिसरख कोतवाली पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर केस दर्ज कर जांच शुरू की है। मूलरूप से मथुरा के रहने वाले वेदपाल सिंह ने रिपोर्ट दर्ज कराई है कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट में मैसर्स यूनिबेरा डेवलपर्स बिल्डर के प्रोजेक्ट में उन्होंने चार साल पहले दो फ्लैट बुक किए थे। उन्होंने पहले आठ लाख रुपए भुगतान किया था। इसके बाद निदेशक ने फ्लैट के लिए बैंक से लोन दिलाने का झांसा दिया। बिल्डर प्रबंधन ने धोखाधड़ी कर दो अलग-अलग बैंकों से लोन करा दिया लेकिन तय समय पर फ्लैट पर कब्जा नहीं दिया गया। आरोप है कि आरोपियों ने लोन के 66 लाख रुपए अपने खाते में हस्तांतरित कराकर हड़प लिए गए।
पुलिस ने नहीं की कार्रवाई
पीड़ित का आरोप है कि निदेशक ने अपने कर्मचारी व तत्कालीन बैंक प्रबंधकों से मिलीभगत कर उससे धोखाधड़ी की है। पुलिस से शिकायत के बाद कार्रवाई न होने पर उसने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। अब कोर्ट के आदेश पर केस दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू की है।
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