गाजियाबाद। इलाज के बहाने महिलाओं को गुमराह कर धर्म परिवर्तन कराने वाले मौलवी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी के इस कृत्य का मुकदमा एक युवक ने दर्ज कराया है। उस युवक की मां का भी इसी मौलवी ने धर्म परिवर्तन कराया था। पुलिस आरोपी से पूछताछ में जुटी हुई है।
थाना नंदग्राम पुलिस ने एक मौलवी सरफराज को गिरफ्तार किया है। सरफराज पर आरोप है कि वह इलाज में फायदा के लिए धर्म परिवर्तन करवाता था। सरफराज के कहने पर एक महिला ने 2017 में अपना धर्म परिवर्तन किया था। उस समय उसके बच्चे नाबालिग थे। एसीपी नंदग्राम रवि कुमार सिंह ने बताया की एक युवक ने नंद ग्राम थाने पर आकर तहरीर दी। उसने बताया कि उसकी मां 2017 में एक मौलवी के फेर में आ गई थी। पीड़ित ने पुलिस को जानकारी दी थी कि 2017 में उनका परिवार शारीरिक व मानसिक रूप से काफी परेशान था। तब उसकी मां किसी के सलाह पर मधुबन बापूधाम निवासी मौलवी सरफराज से मिली। जहां सरफराज ने झाड़ फूंक से इलाज किया। साथ ही कहा कि यदि तुम इस्लाम धर्म को मानोगी तो तुम्हें बहुत फायदा होगा। पीड़ित पुत्र ने पुलिस को बताया कि सरफराज के चलते उसकी मां ने सभी देवी देवताओं की तस्वीर हटा दी थी और इस्लाम धर्म के अनुरूप आचरण शुरू कर दिया था। साथ ही अपने दोनों नाबालिग बच्चों को भी धर्म अपनाने के लिए कहती थी। इस पूरे परिवार ने करीब 4 साल तक हिंदू धर्म को छोड़कर इस्लाम धर्म के तहत अपना आचरण किया।
जल्दी व अच्छे नतीजे का देता था झांसा
पीड़ित परिवार का दावा है कि जो भी सरफराज के पास इलाज के लिए जाता था। वह सभी को धर्म परिवर्तन के लिए कहता था। उसका कहना था कि इलाज में जल्दी और अच्छा नतीजा मिलेगा। अब ये पीड़ित परिवार वापस अपने मूल धर्म में लौट चुके हैं। पुलिस पूछताछ में सरफराज ने बताया कि उसने कई वर्ष पूर्व हज किया था। उसके बाद से ही उसने झाड़ फूंक का काम शुरू कर दिया था। पुलिस पूछताछ में सरफराज ने बताया कि वह इस काम को 8 सालों से कर रहा है और इलाज के नाम पर और धर्म के लोगों को इस्लाम धर्म अपनाने के लिए प्रेरित करता था।
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