उत्तराखंड। यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा से डंडालगांव के बीच निर्माणाधीन टनल धंसने से 40 मजदूर फंसे हुए हैं। रविवार तड़के हुए हादसे में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू जारी है। यहां रेस्क्यू समय पर पूरा न होने पर टनल में फंसे मजदूरों के साथियों ने विरोध किया। जिसे अधिकारियों ने शांत कराया।
टनल में फंसे मजदूरों को रेस्क्यू करने के लिए अब ऑगर मशीन के इंस्टॉलेशन का काम पूरा हो गया है। जल्द ड्रिलिंग शुरू होने की उम्मीद है। राहत एवं बचाव मिशन के प्रभारी कर्नल दीपक पाटिल का कहना है कि अमेरिका में बनी जैक एंड पुश अर्थ ऑगर मशीन पुरानी मशीन से काफी एडवांस है, जो काफी स्पीड में काम करेगी। राहत एवं बचाव ऑपरेशन में अब मिलिट्री ऑपरेशन की टीम भी शामिल हो गई है। इसके साथ वायुसेना, थल सेना भी बचाव अभियान में मदद कर रही है। टनल में फंसे मजदूरों को सकुशल बाहर निकालने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी पाल-पाल अपडेट ले रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिए हैं कि मजदूरों को रेस्क्यू करने में किसी भी तरह की कोई कमी ना रहे।
पाइप लाइन से पहुंचाई जा रही ऑक्सीजन
रविवार सुबह से टनल धंसने से फंसे मजदूर तक ऑक्सीजन, खाना और पानी सहित कुछ जीवन रक्षक दवाइयां भी पाइप लाइन के जरिए भेजी जा रही है। मजदूरों से वीडियो ग्राफी के माध्यम से अधिकारी संपर्क करने में जुटे हुए हैं। टनल में फंसे कुछ मजदूरों को अब दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जिसको लेकर प्रशासन चिंता में है। रेस्क्यू के लिए प्रशासन ने कई टीमें लगाई है ताकि सभी मजदूरों को बचाया जा सके।
चट्टान की प्रकृति नाजुक होने से दिक्कत
राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड के निदेशक अंशू मनीष खलखो ने कहा यहां की चट्टान की प्रकृति बहुत नाजुक है। हमने दिल्ली से नवीनतम मशीन को एयरलिफ्ट किया है। भारतीय वायु सेना हमारी मदद कर रही है। बहुत उन्नत तकनीक वाली मशीन आई हुई है। हमें उम्मीद है कि हम सभी को जल्द रेस्क्यू कर लेंगे।
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