गाजियाबाद। थाना ट्रॉनिका सिटी के अगरौला गांव में जितेंद्र की हत्या के बाद भी तनाव कम नहीं हुआ है। कहने को तो उसके भाई सुसपेन्द्र के घर पर सुरक्षाकर्मी तैनात है लेकिन वहां कुछ लोगों ने फायरिंग कर डाली। इस दौरान पूरा परिवार सहम गया। गोली किसने और किस मकसद से चलाई, इसका जवाब किसी के पास नहीं है। वहीं जब फायरिंग हुई तो सुरक्षाकर्मी कहां था और क्या कर रहा था, इस सवाल के जवाब पर भी अफसर खामोश हैं।
थाना लोनी क्षेत्र में 19 अक्टूबर को जितेंद्र की ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर हत्या कर दी गई थी। जितेंद्र थाना ट्रोनिका सिटी के अगरौला गांव का रहने वाला था। अगरोला गांव के ही मदन और हरेंद्र पर लगा था हत्या का आरोप। हत्या के बाद पीड़ित परिवार को सुरक्षा दी गई थी। वहीं वारदात के एक सप्ताह के अंदर हरेंद्र और मदन पर पुलिस ने 25-25 हजार का इनाम घोषित कर दिया था। परिवार का आरोप है कि बुधवार की रात घर पर गोलियां चलाई गई। यह तब हुआ जब परिवार की सुरक्षा के लिए कांस्टेबल तैनात था।
बढ़ा दी गई है सुरक्षा
एसीपी लोनी रजनीश उपाध्याय ने बताया कि वारदात के बाद परिवार की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। अब एक दरोगा और दो कांस्टेबल मौके पर मौजूद रहेंगे। वहीं उन्होंने बताया कि मौके से कारतूस के 2 खोखे बरामद हुए थे। फिलहाल यह जांच की जा रही है कि गोली किसने चलाई। जो भी दोशी निकलेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई तय है।
दूसरे पक्ष ने भी लगाए आरोप
एसीपी के मुताबिक दूसरे पक्ष ने भी इस पक्ष पर गाली गलौज और बदसलूकी का आरोप लगाया है। जितेंद्र की हत्या को तकरीबन एक महीना होने को आया है। मृतक के भाई के मुताबिक इस हत्या में पुलिस ने अभी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। ऐसे में मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी न होने के चलते ऐसा लगता है कि आरोपियों के हौसले बुलंद है और वह वादी के घर पर गोलियां चलाने से भी नहीं चूक रहे हैं।
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