लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास के बाहर एक परिवार ने लाश लेकर हंगामा किया। परिवार गोरखपुर से लाश लेकर लखनऊ पहुंचा था। परिजनों के मुताबिक उनकी बेटी की अपहरण के बाद रेप किया गया था। जबकि अब चाचा की हत्या कर दी गई। इस मामले में आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई न होने से वे क्षुब्ध हैं और न्याय की आस में आए हैं। पुलिस ने बमुश्किल इस परिवार को रोका, इस दौरान पुलिस व परिजनों के बीच जमकर खींचतान भी हुई।
गोरखपुर बरहलगंज थाना के लक्ष्मीपुर गांव से एक परिवार लखनऊ पहुंचा। परिवार का कहना है, 29 मई 2023 को घर में शादी थी, बच्ची भोर में खेत गई हुई थी। इस दौरान गांव में ही रहने वाले प्रधान का बेटा रवि स्कॉर्पियो से वहां पहुंचा। चाकू दिखाकर नाबालिग लड़की का किडनैप कर ले गया। फिर रेप किया। बेटी के साथ हुई ज्यादती को लेकर हम पुलिस के पास गए। लेकिन, शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। पुलिस वालों ने कहा कि बेटी आ जाएगी। एक-दो दिन सब्र करो। जब हफ्ते भर से ज्यादा हो गया तो बड़े अधिकारियों के पास गए उनके कहने के बाद पुलिस ने हमको थाने बुलाया और अपने साथ दिल्ली ले गए। पुलिस ने दिल्ली से हमारी बेटी को रिकवर किया। हमने दोबारा से गोरखपुर के थाने में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन हमारा मुकदमा नहीं लिखा गया। बहुत दौड़भाग के बाद हमारा मुकदमा लिखा गया। इसके बाद लड़की का बयान नहीं होने दिया गया। हमारे ऊपर दबाव डाला जाने लगा। लगातार डराते रहे धमकाते रहे। इसके बाद थाने और कोर्ट में हमारे बयान दर्ज कराए गए। हालांकि, दोनों ही जगह पर आरोपियों के कई लोग मौजूद रहे। बयान वाली जगह पर हम लोगों को ही नहीं पहुंचने दिया गया।
अक्सर मिलती थी धमकी
जब परिवार ने आरोपियों पर रिपोर्ट दर्ज कराई तो आए दिन जान से मारने की धमकी दी जाने लगी। हमने एफआइआर वापस नहीं ली, तो दशहरा वाले दिन लड़की के चाचा को भी मार दिया। परिवार ने गोरखपुर में पुलिस से शिकायत की। लेकिन, सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद परिवार बुधवार को शव लेकर लखनऊ पहुंच गया। इस दौरान परिवार की महिलाएं भी थीं। लखनऊ में पीड़ित परिवार ने कहा, दबंग प्रधान के बेटे ने बेटी से रेप किया। गोरखपुर के सभी पुलिस अधिकारियों के सामने हमने गुहार लगाई। किसी ने हमारी सुनवाई तक नहीं की। मजबूर होकर मुझे लखनऊ आना पड़ा। अब बाबा योगी ही हमारी सुनवाई कराएंगे। ये लोग हम लोगों को कैद करके जबरन थाने लेकर आ गए हैं। हमे न्याय चाहिए।
प्रधान पक्ष पर चाचा की हत्या का आरोप
पीड़ित परिवार का आरोप है, मुकदमे को हल्का बना दिया गया। थ्प्त् कराने के बाद दबंग प्रधान अपने गुर्गों को हमारे घर भेजता रहा। धमकाता था कि समझौता कर लो, नहीं तो जान से हाथ धो बैठोगे। तुम्हारे बेटे का अपहरण करवा लूंगा। तुम्हारे पति को गोली मार दूंगा। 4 महीना तक एप्लिकेशन लेकर हम छोटे से लेकर बड़े अधिकारी तक दौड़ते रहे। लेकिन, किसी ने नहीं सुना। आरोप है कि दहशरा के दिन सब मेले में गए थे। इस दौरान प्रधान और उसके साथियों ने घर पर धावा बोला और लड़की के चाचा को मौत के घाट उतार दिया। गोरखपुर में हत्या की शिकायत की, लेकिन पुलिस ने सुनवाई नहीं की। इस वजह से लखनऊ आना पड़ा। मृतक की पत्नी ने कहा-गोरखपुर में इंसाफ न मिला तो लखनऊ आना पड़ा यहां पर भी बाबा से मुलाकात नहीं होने दी है। अगर सुनवाई हो गई होती तो आज गोरखपुर से इंसाफ मांगने लखनऊ नहीं आना पड़ता। पुलिस वालों की वजह से मेरे पति की जान चली गई। अगर समय रहते कार्रवाई की होती तो आज मेरे पति जिंदा होते।
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