वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में खून के रिश्तों को जमीन की खातिर तार-तार करने का मामला सामने आया है। युवक ने तीन साल के भतीजे का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी। जबकि शव को कुएं में फेंक दिया। वारदात के पीछे ढाई बीघा जमीन का लालच था। बच्चे के पिता की एक पखवाड़ा पहले मौत हुई है।
वारदात फूलपुर थाना क्षेत्र के रायतारा की है। यहां रहने वाले किशोरी लाल की 5 बीघा जमीन है। दो बेटे थे, इसमें बड़े बेटे भैया लाल की 15 दिन पहले बीमारी के चलते मौत हो गई। भैया लाल की पत्नी और 3 साल का इकलौता बेटा कृष्ण कुमार घर में ही किशोरी लाल के साथ रहते थे। साथ ही छोटा बेटा बाबू लाल भी रहता था। किशोरी लाल जिलापूर्ति विभाग में ड्राइवर थे। 2008 में रिटायर्ड होने के बाद गांव में रहते थे। गुरुवार को मासूम कृष्ण दादा किशोरी लाल के साथ घर के बाहर सो रहा था। सुबह 4 बजे किशोरी लाल पोते को बिस्तर पर छोड़कर खेत चले गए। कुछ देर बाद लौटकर आए तो कृष्ण बिस्तर पर नहीं था। उनको लगा कि बच्चे की मां उसे अंदर ले गई होगी। कुछ देर तक जब उनको कृष्ण नहीं दिखा तो घर में आवाज लगाई। तब पता चला कि कृष्ण अंदर भी नहीं है। परिवार ने आसपास के घर देखे तो वहां भी कृष्ण का कुछ पता नहीं चला। इसके बाद कोहराम मच गया। तुरंत पुलिस को बच्चे के अपहरण की सूचना दी गई। पुलिस मौके पर पहुंची। बच्चे के दादा किशोरी लाल से पूछताछ की। उन्होंने पूरी घटना को सिलसिलेवार बताया। वह कब खेत गए। कितनी देर में लौटे।
पुलिस को पूछताछ में मिला सुराग
पुलिस ने आसपास के ग्रामीणों से भी पूछताछ की। इस दौरान एक व्यक्ति ने बताया कि उसने गुरुवार तड़के किशोरी लाल के छोटे बेटे बाबू लाल को गांव के बाहर से आते हुए देखा था। इसके बाद पुलिस ने दादा से पूछताछ की। दादा किशोरी लाल ने बताया कि 15 दिन पहले उनके बड़े बेटे की मौत हो गई थी। 2 दिन पहले ही बेटे की तेरहवीं थी। बच्चे के लापता होने से एक दिन पहले उनके छोटे बेटे ने जमीन को लेकर झगड़ा किया था। उसने किशोरी लाल से जमीन अपने नाम करने की बात कही थी। इस पर किशोरी लाल ने कहा था कि वह जमीन तो अपने पोते के नाम ही करेंगे। इस पर पुलिस का चाचा बाबू लाल पर शक गहराया। पुलिस बाबू लाल को हिरासत में लेकर थाने गई। वहां पहले तो उसने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की। हालांकि, पुलिस ने सख्ती की तो वह टूट गया। उसने अपना गुनाह कबूल लिया।
कुएं से बरामद कराया शव
डिप्टी एसपी प्रबल प्रताप सिंह ने बताया कि कुएं से शव की बरामदगी के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने हत्यारोपी चाचा बाबूलाल (36) को गिरफ्तार कर लिया है। उसकी निशानदेही पर बच्चे का शव बरामद कर लिया है। हत्यारे ने कबूल किया है कि भतीजा भाई की अकेली संतान थी। पिता भाई के हिस्से की ढाई बीघा जमीन पोते के नाम करने वाले थे। पूछताछ में कहा कि मैंने सोचा था कि अगर भतीजा मर जाएगा तो किसके नाम करेंगे। इसलिए हत्या कर दी। मासूम की हत्या की बात कबूल करने के बाद पुलिस उसे वापस गांव ले गई। वहां उसकी निशानदेही पर गांव के बाहर कुएं से बच्चे का शव बरामद किया गया।
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