गाजियाबाद। सीएम योगी आदित्यनाथ को अपशब्द बोलने का खामियाजा श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि को मुकदमा झेलकर चुकाना पड़ा है। थाना वेब सिटी पुलिस ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। इसकी जानकारी पर वो सरेंडर करने थाने जाने को निकले लेकिन पुलिस ने उन्हें डासना देवी मंदिर पर पहुंचकर रोक लिया और उनकी गिरफ्तारी दिखाने के साथ ही उन्हें मौके से ही धारा 41 का नोटिस तामील कराकर जमानत दे दी। नरसिंहानंद गिरि ने अब नया बयान जारी कर सीएम से माफी भी मांगी है।
हिंदूवादी नेता पिंकी भैया के खिलाफ गुंडा एक्ट व हिस्ट्रीशीट खोले जाने की कार्रवाई के विरोध में मंगलवार को डीएम आफिस का घेराव हुआ था। नरसिंहानंद गिरि भी वहां जा रहे थे लेकिन रास्ते में पुलिस ने उन्हें रोक लिया। धक्का-मुक्की भी हुई और वह गिर गए थे। इसके बाद उन्होंने सीएम योगी पर निशाना साधते हुए आपत्तिजन बयान जारी कर दिया। पुलिस ने इस बयान को गंभीर मानते हुए उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज कर ली। बुधवार को यति को इसकी जानकारी हुई तो वो सरेंडर के लिए थाने जाने की तैयारी करने लगे। इसी बीच पुलिस खुद मंदिर पहुंची और गिरफ्तारी व जमानत की प्रक्रिया वहीं पूरी की। एसीपी रवि प्रकाश सिंह सहित भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात रहा। पुलिस ने महामंडलेश्वर को मंदिर से बाहर नहीं जाने दिया और उन्हें समर्थकों सहित मंदिर परिसर में ही नजरबंद कर दिया है।
क्रोधवश मुंह से निकल गए अपशब्द
गिरफ्तारी से पहले महामंडलेश्वर ने एक वीडियो बयान जारी करते हुए सीएम से माफी मांगी। कहा कि मैं प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महाराज के चरणों में क्षमा-प्रार्थना करना चाहता हूं। मैंने लगातार उनके बारे में दो-तीन दिन में कुछ बोला है। उनका अपमान करने की नीयत से नहीं बोला। ये तो उनकी पुलिस ने हम पर जो अत्याचार किए, तो क्रोधवश मेरे मुंह से निकल गया। मेरी मंशा उनका अपमान करने की नहीं थी। मेरे शब्दों से यदि उन्हें कोई दुख पहुंचा हो तो मैं प्रार्थना करता हूं कि वो मुझे क्षमा कर दें।
हिंदुओं की रक्षा का भेजा संदेश
यति नरसिंहानंद ने माफी के साथ ही सीएम को यह संदेश भी भेजा कि अभी इजराइल के महिला, बच्चों व नागरिकों के साथ इस्लाम के जिहादियों ने जो किया है, ये वो काम बहुत जल्दी एक-एक हिन्दू के साथ करने वाले हैं। आपको किस्मत ने ये मौका दिया है कि आप इसे रोक सकते हैं। अगर आप केवल पुलिसवालों-अधिकारियों की सुनते रहे तो फिर हिन्दू अनाथ रहेगा। ऐसे में एक दिन इस्लाम के जिहादी इस देश पर कब्जा कर लेंगे। मुझे आप चाहें मरवा दें, फांसी लगवा दें, वो महत्वपूर्ण नहीं है। महत्वपूर्ण ये है कि जिन हिंदुओं ने इतने विश्वास से आपको अपना माना है, आप उनकी रक्षा करिये। जरूरी नहीं कि सब गांधी-नेहरू-मोदी बनें। आप एक नई परिपाठी तय करिये। जिस तरह से यहूदी नेता अपने लोगों के लिए मर-मिटते हैं, आप भी ऐसी ही परिपाठी बनाइये। मैं पूरी राजनीति में सिर्फ आपका प्रशसंक हूं, आपका अनुयायी भी हूं।
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