दिल्ली। दिल्ली पुलिस की पूर्व महिला सिपाही की हत्या का दो वर्ष बाद दिल्ली पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। उसकी हत्या उसके दोस्त हवलदार सुरेंद्र सिंह ने की थी। आरोपी युवती के शव को नाले में फेंक दिया था और उससे ऊपर पत्थर बांध दिया था। जिससे शव नाले के अंदर ही पड़ा रहे। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद उसकी निशानदेही पर नाले से कंकाल बरामद किया है।
दिल्ली पुलिस ने रविवार को बताया कि मोनिका की हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने आरोपी कॉन्स्टेबल सुरेंद्र सिंह राणा (42), उसके साले और एक दोस्त को भी अरेस्ट किया है। स्पेशल कमिश्नर रवींद्र यादव ने बताया कि राणा ने मोनिका (28) की गला घोंटकर हत्या कर दी थी और फिर लाश को उत्तरी दिल्ली के नाले में फेंक दिया था। नाले से पुलिस को कंकाल मिला है जिसकी DNA जांच की जा रही है। विशेष आयुक्त क्राइम ब्रांच रवींद्र सिंह यादव के मुताबिक गिरफ्तार हवलदार सुरेंद्र सिंह अलीपुर का रहने वाला है। वर्तमान में उसकी तैनाती पीसीआर यूनिट में है। वर्ष 2012 में वह बतौर ड्राइवर दिल्ली पुलिस में भर्ती हुआ था। उसका बहनोई रविन झज्जर का रहने वाला है। उसने एमडीयू रोहतक से बीकॉम किया है। सिम कार्ड उपलब्ध कराने वाला राजपाल भी झज्जर का रहने वाला है।
पीसीआर यूनिट में तैनात थी महिला सिपाही
2018 में बुलंदशहर की रहने वाली सिपाही मोनिका, जब दिल्ली पुलिस की पीसीआर यूनिट में तैनात थी। तब उसी यूनिट में काम करने वाले झज्जर निवासी हवलदार सुरेंद्र सिंह से उसका परिचय हुआ था। धीरे-धीरे दोनों एक दूसरे के करीब आ गए। 2020 में मोनिका का यूपी पुलिस में सब इंस्पेक्टर में हो गया तब उसने सिपाही से इस्तीफा दे दिया लेकिन मुखर्जी नगर के एक पीजी में रहकर वह सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारी करने लगी। सुरेंद्र अक्सर माेनिका के पास आता जाता था यहां तक वह मोनिका के गांव में भी हर कार्यक्रम में शामिल होने जाता था। सुरेंद्र पहले से शादीशुदा है लेकिन मोनिका को उसने अविवाहित होने की बात बताई थी। माडल टाउन पुलिस कालोनी में सुरेंद्र परिवार के साथ रहता है।
घुमाने के ले जाने के बहाने की हत्या
आठ सितंबर 2021 को घुमाने के बहाने सुरेंद्र, माेनिका को लेकर अलीपुर गया। वहां उसने मोनिका पर शादी के लिए दबाव बनाया। तैयार न होने पर उसने कार के अंदर ही माेनिका का गला घोंट हत्या कर दी गई और शव को पुश्ता के पास सुनसान जगह पर नाले में फेंक दिया। शव को कई पत्थर से दबा दिए गए ताकि बह कर कहीं और चला न जाए जिससे शव मिलने पर हत्या का भेद खुल जाए। हत्या के बाद सुरेंद्र ने मोनिका का मोबाइल अपने पास रख लिया ताकि उससे कोई सुबूत न मिल पाए। उधर करीब एक माह तक सुरेंद्र, मोनिका के स्वजन के साथ मिलकर उसे ढूंढने का नाटक करता रहा। 20 अक्टूबर 2021 को मुखर्जी नगर थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी गई।
परिवार को सुनाता था पुरानी रिकॉर्डिंग
आरोपी सुरेंद्र राणा ने पुलिस और मोना के परिवार को चकमा देने के लिए पूरी तैयारी की थी। वह अलग-अलग लोकेशन से मोना के एटीएम का इस्तेमाल करता था और इतना ही नहीं उसने परिवार की तसल्ली के लिए पुरानी रिकॉर्डिंग भी सुनाई थी जिसमें वह कह रही थी कि मम्मी उसके बारे में बेकार ही परेशान होती है। वह सुरक्षित है बस घर के लोगों से नहीं मिलना चाहती है। पुलिस ने बताया कि मोनिका का चयन यूपी पुलिस में सब इंस्पेक्टर पद के लिए हो गया था और वह यूपीएससी की तैयारी करना चाहती थी। सरकारी नौकरी छोड़कर फिर से तैयारी की वजह से उसके और सुरेंद्र राणा के बीच अनबन हुई थी।
सुरेंद्र राणा ने साथ रहने के लिए डाला था दबाव
पुलिस ने बताया कि दोनों की ड्यूटी एक साथ होने की वजह से उनके बीच में अच्छी बॉन्डिंग हो गई थी लेकिन मोनिका के दिल में राणा के लिए उस तरह की फीलिंग्स नहीं थी। वह उसे अपने पिता या बड़े भाई की तरह का दर्जा देती थी जबकि आरोपी उसके साथ लिव इन में रहने और रिश्ते को आगे ले जाने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया था। जब मोनिका नहीं मानी तो उसे एक दिन मिलने के बहाने बुलाकर हत्या कर दी। इसके बाद उसके नाम से फर्जी कोविड वैक्सीन सर्टिफिकेट भी बनवा लिया।
पुलिस के हत्थे यूं चढ़ा आरोपी
पुलिस को 2 साल तक जब कोई सुराग नहीं मिला तो रिवर्स में जांच शुरू की और उन नंबर्स की डिटेल निकाली जिनसे मोनिका ने कथित तौर पर घरवालों से बात की थी। इन नंबरों की जांच करते हुए पुलिस दूसरे आरोपी रवीन तक पहुंची और उसने राणा का नाम लिया। सख्ती से पूछताछ करने पर राणा ने स्वीकार कर लिया कि उसकी हत्या कर लाश नाले में फेंक दी है।
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