सुल्तानपुर। उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर से बीजेपी सांसद मेनका गांधी ने इस्कॉन पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। मेनका कहती हैं कि इस्कॉन सबसे बड़ा धोखा है। जितना इस्कॉन वाले गायों को कसाइयों के हवाले करते हैं, शायद उतना कोई नहीं करता। हालांकि, इन आरोपों का इस्कॉन ने भी जवाब दिया है। उसने आरोपों को ‘निराधार और झूठा’ करार दिया।
सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे वीडियो में मेनका कहती हैं कि इस्कॉन सबसे बड़ा धोखा है। ये लोग गोशाला चलाते हैं। इसके लिए इन्हें सरकार से हर तरह से मदद मिलती है। बड़ी-बड़ी जमीनें मिलती हैं। इसके बावजूद आप जब इनके गोशाला में जाएंगे तो आपको एक भी ऐसी गाय नहीं मिलेगी जो दूध देती हो। मेनका ने बताया कि एक बार वह आंध्र प्रदेश के अनंतपुर स्थित इस्कॉन के गोशाला में गई थीं। वहां उन्हें एक भी बछड़ा नहीं मिला। इसका मतलब है कि ये लोग इन्हें कसाईखाने को बेच देते हैं। जितना इस्कॉन वाले गायों को कसाइयों के हवाले करते हैं, शायद उतना कोई नहीं करता।
मेनका गांधी यहीं नहीं रुकतीं। वह आगे कहती हैं कि इस्कॉन के लोग सड़क पर हरे राम-हरे कृष्णा गाते हुए फिरते हैं और कहते हैं कि हमारा पूरा जीवन दूध पर निर्भर है। जितना इन लोगों को गाय और बछड़ों को कसाइयों को बेंचा है, शायद इतना किसी ने नहीं किया होगा।
इस्कॉन ने किया पलटवार
वहीं, इस्कॉन ने आरोपों को निराधार और झूठा बताया। संगठन के राष्ट्रीय प्रवक्ता युधिष्ठिर गोविंद दास ने कहा कि इस्कॉन न केवल भारत में बल्कि विश्व स्तर पर गाय और बैल की रक्षा और देखभाल में सबसे आगे रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे यहां गायों और बैलों की जीवनभर सेवा की जाती है, न कि उन्हें कसाइयों को बेचा जाता है, जैसा कि आरोप लगाया गया है।
60 से ज्यादा गौशालाएं चला रहा संगठन
इस्कॉन ने कहा, ‘हम मेनका गांधी के बयान से हैरान हैं क्योंकि वे हमेशा ही इस्कॉन की शुभचिंतक रही हैं।’ प्रशासन ने कहा कि भारत में इस्कॉन 60 से ज्यादा गौशालाएं चला रहा है। यहां पर सैकड़ों की संख्या में गायों और बैलों की रक्षा की जाती है। उनकी पूरी जिंदगी देखभाल भी होती है। इस्कॉन की गौशालाओं में आने वाली गाय वह होती हैं, जो वध से बचाई गई होती हैं।
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