दिल्ली। राजधानी दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय (जीजीएसआईपीयू) में शेष खाली सीटों पर उनके प्रवेश को मंजूरी दे दी। यह फैसला लगभग पांच साल की देरी के बाद आया है, जिसके लिए उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
उप राज्यपाल जीजीएसआईपीयू के कुलाधिपति भी हैं। उन्होंने शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड लॉ प्रोग्राम में प्रवेश के लिए कॉमन लॉ एप्टीट्यूड टेस्ट (सीएलएटी) की मेरिट लिस्ट खत्म होने के बाद शेष रिक्त सीटों पर सीयूटी स्कोर के आधार पर प्रवेश को मंजूरी दी है। गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय में छात्रों का यह दाखिला इंटिग्रेटेड लॉ पाठ्यक्रमों में अकादमिक सत्र 2023-24 के लिए होगा। छात्रों को कॉमन लॉ एप्टीट्यूड टेस्ट (सीएलएटी) के तीन विषयों (अंग्रेजी, कानूनी अध्ययन और सामान्य परीक्षा) में आए नंबरों के आधार पर दाखिला दिया गया है। गौरतलब है कि दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय (जीजीएसआईपीयू) के चांसलर भी हैं।
इसके साथ ही एलजी ने अपने नोट में अनावश्यक देरी से बचने और शैक्षणिक गतिविधियों को समय पर शुरू करने की भी सलाह दी है। उन्होंने मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए फाइल में दर्ज टिप्पणी में चिंता व्यक्त की है कि शैक्षणिक सत्र शुरू होने के काफी समय बाद उनसे इस विषय में मंजूरी मांगी गई। इस संबंध में उप राज्यपाल ने कहा कि प्रवेश प्रक्रिया को नियमित करने के प्रस्ताव को उनके पास सितंबर में भेजा गया, जिससे इन पाठ्यक्रमों में रिक्त सीटों को भरने में अत्यधिक देरी हुई। एलजी ने अपने नोट में अनावश्यक देरी से बचने और शैक्षणिक गतिविधियों को समय पर शुरू करने के लिए भविष्य में ऐसे प्रस्तावों की प्रक्रिया को समय पर सुनिश्चित करने की सलाह दी। भविष्य में प्रवेश प्रक्रिया नियमन से संबंधित आने वाले प्रस्तावों को प्रवेश नियामक समिति के माध्यम से दिल्ली प्रोफेशनल कॉलेजों या संस्थानों अधिनियम 2007 के प्रावधानों (कैपिटेशन फीस निषेध, प्रवेश का विनिमय, नॉन एक्सप्लाटेशन फीस का निर्धारण और समानता और उत्कृष्टता सुनिश्चित करने के लिए किए अन्य उपायों) के संदर्भ में करने का निर्देश दिया।
एलजी ने आगे प्रवेश प्रक्रिया से संबंधित भविष्य के प्रस्तावों को प्रवेश नियामक समिति के माध्यम से दिल्ली प्रोफेशनल कॉलेजों या संस्थानों अधिनियम 2007 के प्रावधान के तहत संसाधित करने का निर्देश दिया है। अधिनियम की धारा-4 में प्रावधान है कि प्रवेश नियामक समिति संस्थानों में प्रवेश की प्रक्रिया को विनियमित करेगी। साथ ही यह सरकार को दिशानिर्देश सुझाएगी ताकि दाखिलों में निष्पक्ष, पारदर्शी, योग्यता-आधारित प्रक्रिया सुनिश्चित की जा सके।
गौरतलब है कि गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय (Guru Gobind Singh Indraprastha University, GGSIPU) ने कहा था कि वह 2022-23 CLAT (UG) के तहत उपरोक्त पाठ्यक्रम में छात्रों को प्रवेश दे रहा है। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में यह भी देखा गया है कि कुछ सीटें खाली रह जाती हैं। इससे बहुमूल्य शैक्षणिक कार्यक्रम बर्बाद हो जाते हैं। यही कारण है कि विश्वविद्यालय प्रबंधन बोर्ड ने जीजीएसआईपीयू को तीन विषयों (अंग्रेजी, कानूनी अध्ययन और सामान्य परीक्षण) में सीयूईटी के कुल स्कोर के आधार पर रिक्त सीटें भरने की अनुमति देने वाली अधिसूचना जारी का फैसला लिया है।
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