बेंगलूर। कर्नाटक हाईकोर्ट ने शुक्रवार को न्यूज एंकर सुधीर चौधरी को अंतरिम राहत दे दी। कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा कि पत्रकार एंकर सुधीर चौधरी के खिलाफ जांच के लिए “प्रथम दृष्टया मामला” बनता है। हालांकि कोर्ट ने कर्नाटक सरकार को निर्देश दिया कि वह सुधीर चौधरी के खिलाफ कोई कठोर कदम न उठाए।
जस्टिस हेमंत चंदनगौदर की एकल पीठ ने कहा कि हिरासत में पूछताछ की कोई आवश्यकता नहीं है और इसलिए कर्नाटक पुलिस से कहा कि अगले सप्ताह मामले के अंतिम निस्तारण तक चौधरी के खिलाफ कोई कठोर कदम न उठाया जाए। आजतक ने भी एक अलग याचिका में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। आज दोनों याचिकाओं पर एक सामान्य आदेश पारित किया गया।जज ने आज सुनवाई के पहले चरण में मौखिक रूप से कहा, ” (न्यूज़ रिपोर्ट में) विशेष आरोप यह था कि सरकार केवल अल्पसंख्यकों को स्कीम का लाभ प्रदान कर रही है और हिंदुओं को वंचित कर रही है। यह प्रथम दृष्टया जांच का मामला बनता है।” मामले को अंतिम निस्तारण के लिए अगले बुधवार तक के लिए स्थगित करते हुए कोर्ट ने कहा, “हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता नहीं है। कोई भी त्वरित कार्रवाई न करें।”
गौरतलब है कि एंकर और चैनल के खिलाफ शिकायत कर्नाटक राज्य अल्पसंख्यक विकास निगम लिमिटेड (KSMDC) के प्रशासनिक अधिकारी द्वारा दर्ज की गई थी। एफआईआर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153 ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 505 (सार्वजनिक शरारत के लिए उकसाने वाले बयान) के तहत दर्ज की गई थी।
एफआईआर आज तक पर प्रसारित 11 सितंबर के समाचार कार्यक्रम के आधार पर दर्ज की गई थी, जिसकी एंकर चौधरी थे और केएसएमडीसी की स्वावलंबी सारथी योजना पर चर्चा की गई थी। चौधरी पर आरोप है कि उन्होंने कहा था कि यह योजना विशेष रूप से अल्पसंख्यक समुदायों के लिए उपलब्ध है।
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