भारतीय ग्रैंडमास्टर रमेशबाबू प्रज्ञानंदा (Rameshbabu Praggnanandhaa) चेस वर्ल्ड कप 2023 का विजेता बनने से चूक गए। उन्हें फाइनल में नॉर्वे के दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन (Magnus Carlsen) से हार का सामना करना पड़ा।
तीन दिन तक चले फाइनल मुकाबले में नतीजा 4 बाजियों बाद निकला। प्रज्ञानंद ने शुरुआती दोनों बाजियों में 32 साल के कार्लसन को कड़ी टक्कर दी। दोनों के बीच मंगलवार को पहली बाजी खेली गई। यह 34 चालों तक गई, मगर नतीजा नहीं निकल सका। दूसरी बाजी में भी दोनों के बीच 30 चालें चली गईं और यह भी ड्रॉ पर खत्म हुई। शुरुआती दोनों बाजी ड्रॉ होने के बाद गुरुवार को टाईब्रेकर से नतीजा निकला। टाईब्रेकर के तहत प्रज्ञानंद और कार्लसन के बीच 2 बाजियां खेली गईं। पहला टाई ब्रेकर गेम 47 चाल तक गया। इसमें प्रज्ञानंद की हार हुई। दूसरे गेम में उनसे वापसी की उम्मीद थी। उन्होंने पहले वाले गेम के मुकाबले प्रदर्शन भी बेहतर किया, मगर जीत नहीं सके। दूसरा टाई ब्रेकर गेम ड्रॉ रहा और कार्लसन ने पहली बार यह खिताब अपने नाम कर लिया।
अंतरराष्ट्रीय शतरंज संघ ने ट्वीट करके लिखा, ”प्रज्ञानानंदा 2023 फिडे विश्व कप के उपविजेता हैं। शानदार टूर्नामेंट के लिए 18 वर्षीय भारतीय प्रतिभाशाली खिलाड़ी को बधाई! फाइनल तक पहुंचने के दौरान प्रज्ञानानंदा ने विश्व नंबर 2 हिकारू नाकामूरा (क्वार्टर फाइनल) और वर्ल्ड नंबर 3 फाबियानो करूआना (सेमीफाइनल) में हराया। विश्व कप में रजत पदक जीतकर प्रज्ञानानंदा ने फिडे कैंडिडेट्स के लिए टिकट भी हासिल कर लिया।”
विश्वनाथन ये वर्ल्ड कप जीतने वाले अकेले भारतीय
प्रज्ञानंद ने सेमीफाइनल में दुनिया के तीसरे नंबर के खिलाड़ी फाबियानो करूआना को 3.5-2.5 से हराकर उलटफेर करते हुए फाइनल में जगह बनाई थी। प्रज्ञानंद महान खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद के बाद वर्ल्ड कप फाइनल में जगह बनाने वाले सिर्फ दूसरे भारतीय खिलाड़ी हैं यदि प्रज्ञानंद जीतते तो दूसरे भारतीय होने का इतिहास रच देते। वैसे विश्वनाथन आनंद भारत के दिग्गज चेस खिलाड़ी रहे हैं। उन्होंने साल 2000 और 2002 में ये वर्ल्ड कप खिताब अपने नाम किया था।
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