नई दिल्ली। कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने अपनी ही पार्टी के लीडर को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव को ‘सांप्रदायिक’ बताया है। अय्यर ने कहा कि पी वी नरसिम्हा राव भाजपा के पहले प्रधानमंत्री थे।
कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर ने आत्मकथा ‘मेमोयर्स ऑफ अ मैवरिक- द फर्स्ट फिफ्टी ईयर्स (1941-1991)’ में अपनी दून स्कूल से लेकर सेंट स्टीफंस कॉलेज और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय तक तथा एक शीर्ष राजनयिक से लेकर तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के करीबी सहयोगी तक के सफर को कलमबद्ध किया गया है। यहां किताब के औपचारिक विमोचन पर वरिष्ठ पत्रकार वीर सांघवी के साथ बातचीत में अय्यर ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से अपने रिश्ते से लेकर दिसंबर 1978 से जनवरी 1982 के बीच कराची में महावाणिज्यदूत के अपने कार्यकाल के बारे में चर्चा की। अय्यर 1985-1989 तक राजीव गांधी के पीएमओ का हिस्सा थे।
इस मौके पर कांग्रेस नेता और राजीव गांधी की पत्नी सोनिया गांधी भी मौजूद रहीं। प्रश्नोत्तर सत्र के दौरान जब उनसे बाबरी मस्जिद मुद्दे को लेकर राजीव गांधी की उनकी आलोचना के बारे में सवाल किया गया तो अय्यर ने कहा, “मुझे लगता है कि राम मंदिर का शिलान्यास गलत था।” किताब के विमोचन के मौके पर की टिप्पणियों में अय्यर ने कहा कि उन्हें अहसास हो गया था कि पी वी नरसिंह राव ‘कितने साम्प्रदायिक और हिंदूवादी थे।’
अय्यर ने अपनी ‘राम-रहीम’ यात्रा के संदर्भ में कहा, “नरसिंह राव ने मुझे बताया कि उन्हें मेरी यात्रा से कोई आपत्ति नहीं है लेकिन वह धर्मनिरपेक्षता की मेरी परिभाषा से असहमत थे। मैंने कहा था कि धर्मनिरपेक्षता की मेरी परिभाषा में क्या गलत है। उन्होंने कहा, मणि ऐसा लगता है कि आप नहीं समझते कि यह एक हिंदू राष्ट्र है। मैं अपनी कुर्सी पर बैठ गया और कहा कि भाजपा भी यही कहती है।” अय्यर ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पहले प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी नहीं थे बल्कि ”राव भाजपा के पहले प्रधानमंत्री” थे।
अय्यर ने कहा, ‘मेरी समस्या यह थी कि मैं राजीव गांधी का विश्वासपात्र नहीं था। वास्तव में, मुझे लगता है कि वह सोचते थे कि मैं राजनीतिक रूप से अनुभवहीन हूं। उन्होंने कभी मुझसे सलाह नहीं ली और किसी भी राजनीतिक मुद्दे पर मेरी सलाह नहीं ली।’ राजनयिक से राजनेता बने अय्यर ने बताया कि वह अगले संस्करणों में राजीव गांधी से जुड़े बोफोर्स और शाह बानो मामले जैसे विवादों का जिक्र करेंगे।
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