भोपाल। मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाली एक सोशल मीडिया पोस्ट पर इंदौर में कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, पूर्व मुख्य मंत्री कमलनाथ और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव के सोशल मीडिया हैंडलर्स के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। एमपी के 41 से अधिक जगहों पर उनके खिफाल केस दर्ज हुआ है।
11 अगस्त को प्रियंका गांधी ने एक्स(ट्विटर) पर लिखा था, “मध्य प्रदेश में ठेकेदारों के संघ ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर शिकायत की है कि प्रदेश में 50% कमीशन देने पर ही भुगतान मिलता है। कर्नाटक में भ्रष्ट BJP सरकार 40% कमीशन की वसूली करती थी। मध्य प्रदेश में BJP भ्रष्टाचार का अपना ही रिकॉर्ड तोड़कर आगे निकल गई है।” इस आरोप का जवाब देते हुए मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस बिना किसी मुद्दे के घृणित मानसिकता के साथ राजनीति कर रही है। मंत्री ने दावा किया, प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने पहले राहुल गांधी से झूठ बुलवाया और अब प्रियंका गांधी से झूठा पोस्ट करवाया। प्रियंका जी, अपने पोस्ट में लगाए गए आरोपों का सबूत दें, अन्यथा हमारे पास (कानूनी) कार्रवाई के लिए सभी विकल्प खुले हैं।
केस इंदौर के भाजपा लीगल सेल कार्यकर्ता निमेश पाठक की शिकायत पर दर्ज
रिपोर्ट शनिवार को इंदौर के रहने वाले भाजपा के लीगल सेल के कार्यकर्ता निमेश पाठक की शिकायत पर दर्ज की गई है। रिपोर्ट आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति की डिलीवरी के लिए प्रेरित करना) और 469 (प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से जालसाजी) के तहत इंदौर के संयोगितागंज में दायर की गई थी। पाठक ने अपनी शिकायत में कहा कि उन्हें “एक अखबार की कतरन के बारे में पता चला जिसे कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने सोशल मीडिया पर वायरल किया था, जिसमें एक ठेकेदार संघ ने एमपी उच्च न्यायालय को एक पत्र लिखाकर आरोप लगाया था कि राज्य सरकार काम करवाने के लिए 50 प्रतिशत कमीशन की मांग कर रही है।” पाठक ने कहा कि पत्र किसी ज्ञानेंद्र अवस्थी द्वारा लिखा गया था, हालांकि जब उन्होंने अवस्थी के बारे में पूछताछ की तो उन्हें “ऐसे किसी संगठन या व्यक्ति के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली।”
एफआईआर में लिखा, ”यह संदेह जताया गया है कि पत्र को कांग्रेस योजनाबद्ध तरीके से भ्रामक आरोपों के साथ तैयार कर विभिन्न सोशल मीडिया साइट्स पर वायरल कर रही है, ताकि मध्य प्रदेश सरकार एवं भारतीय जनता पार्टी की छवि धूमिल की जा सके। यदि यह वास्तविक है और ज्ञानेंद्र अवस्थी वास्तव में उपलब्ध हैं, तो मध्य प्रदेश सरकार की नीति और नियमों के अनुसार सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।”
इंदौर पुलिस ने कहा कि “यह फर्जी पत्र सोशल मीडिया पर भी वायरल कर दिये जाने” के बाद “आरोपी ज्ञानेंद्र अवस्थी और ट्विटर अकाउंट @MPArun यादव, @OfficeOfKNath @priyankagandhhi” के हैंडलर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इंदौर के एडीसीपी राम सनेही मिश्रा ने मीडिया से कहा, “कुछ भाजपा नेताओं ने एक ज्ञापन दिया है, जिसमें कहा गया है कि कुछ कांग्रेस नेता सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर गलत सूचनाएं डाल रहे हैं और इससे उनके (बीजेपी) नेताओं की छवि खराब हो रही है…जांच चल रही है और तथ्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी… ज्ञापन में प्रियंका गांधी और कुछ अन्य कांग्रेस नेताओं के नाम का उल्लेख किया गया है।”
41 जिलों में एफआईआर दर्ज
बीजेपी ने प्रियंका गांधी के आरोपों को झूठा बताया और कांग्रेस नेताओं के खिलाफ 41 जिलों में एफआईआर दर्ज करवाई। इस एफआईआर में प्रियंका गांधी के अलावा, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, कांग्रेस नेता अरुण यादव, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश और शोभा ओझा के नाम शामिल हैं।
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