नूंह। हरियाणा के नूंह में भड़की सांप्रदायिक हिंसा की आग के बाद माहौल अब शांत होने लगा है। इसी बीच पंचायतों ने ऐसा फरमान जारी किया है जिससे टेंशन बढ़ सकती है। तीन जिलों की 50 से अधिक पंचायतों ने मुस्लिम व्यापारियों के प्रवेश पर रोक लगाने के लिए पत्र जारी किए हैं।
जानकारी के मुताबिक अलग-अलग ग्राम पंचायतों ने नारनौल एसडीएएम को भेजे अपने पत्र में लिखा है, “हमारे हिंदू भाईयों पर नूंह में हुए अत्याचार को देखते हुए ये फैसला लिया है कि गांव के अंदर मुस्लिम समुदाय और शरारती तत्वों को किसी भी तरह के व्यवसाय जैसे फेरी लगाना, पशु खरीदना, घर-घर भीख मांगना आदि की अनुमति नहीं दी जाएगी। मुस्लिम लोग गांव में दिन में रेकी करते हैं और रात में चोरी करते हैं। इसमें किसी समुदाय की धार्मिक भावना को आहत करने का हमारा कोई उद्देश्य नहीं है।”
50 ग्राम पंतायतों ने जिला प्रशासन को लिखा पत्र
बताया जा रहा है कि दक्षिण हरियाणा के तीन जिलों रेवड़ी, महेंद्रगढ़ और झज्जर की 50 ग्राम पंचायतों ने ये फरमान जारी किया है। इन सभी ग्राम पंचायतों के पत्रों में लगभग एक ही तरह की बात लिखी हुई है। इसके अलावा सरपंचों के द्वारा साइन किए गए इन पत्रों में ये भी लिखा है कि गांवों में रह रहे मुस्लिमों को पुलिस के पास अपने पहचान पत्र जमा कराने होंगे।
नूंह में हिंदुओं के साथ हुई हिंसा के बाद लगाई रोक
महेंद्रगढ़ जिला प्रशासन को अटेली नांगल खंड की मिर्जापुर ग्राम पंचायत, राताखुर्द ग्राम पंचायत, बाछौद ग्राम पंचायत, नावदी ग्राम पंचायत और ताजपुर और कई अन्य ग्राम पंचायतों ने पत्र लिखकर ये फरमान जारी किया है। इन पत्रों में ग्राम पंचायतों ने पशुओं की चोरी और अन्य सामाजिक गतिविधियों की आशंका जताई है। साथ ही ये भी लिखा है कि नूंह में हिंदुओं के साथ हुई हिंसा के बाद गांवों में मुस्लिम समुदाय के लोगों के आगमन और किसी भी प्रकार के व्यवसाय पर रोक रहेगी।
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