गाजियाबाद। केंद्रीय मंत्रियों का निजी सचिव बनकर देशभर में ट्रांसफर पोस्टिंग के खेल का पर्दाफाश कर गाजियाबाद पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी अपनी फर्जी आईडी पर सिम कार्ड जारी कराता था। उसके बाद वह उन सिम पर व्हॉट्सऐप चलाने के लिए उनके ओटीपी बेचता था। गिरोह में शामिल अन्य लोग इन फर्जी आईडी के व्हॉट्सऐप से देश के उच्चाधिकारियों को मैसेज करके ट्रांसफर पोस्टिंग तथा अन्य काम कराते थे।
डीसीपी देहात विवेक यादव ने बताया कि पकड़ा गया शातिर बिहार सीतामणी के बैरगनिया के गांव बखरी पसनटकीयदु निवासी अभिषेक कुमार है। हाल में यह वेव सिटी क्षेत्र के शाहपुर बम्हैटा में रह रहा है। पूछताछ और जांच में पुलिस को पता चला कि अभिषेक 12वीं पास है। यह फर्जी आधार कार्ड व पैन कार्ड बनाकर उनके जरिये सिम खरीद रहा था और उन्हें एक टेलीग्राम ग्रुप के जरिये व्हाट्सएप चलाने के लिए 100 से 200 रुपये में ओटीपी बेच रहा था।
डीसीपी ने बताया कि गिरोह के तार देशभर में फैले होने की आशंका है। गिरोह के अन्य सदस्यों को ट्रेस करने का प्रयास किया जा रहा है। अभी तक की जांच में पता चला कि गिरोह गलत तरीके से व्हाट्सएप का इस्तेमाल करके मंत्रालयों के अधिकारियों का सचिव बनकर वरिष्ठ अधिकारियों को मेसेज करके ट्रांसफर पोस्टिंग के अलावा अन्य काम कराने के लिए कहते हैं। इसके बदले में रुपये लेते हैं।
टेलीग्राम में जुड़े 26 लोग
डीसीपी ने बताया कि अभिषेक के मोबाइल से एक टेलीग्राम ग्रुप ऐसा मिला जिसमें 26 लोग जुड़े मिले हैं। अभिषेक उन्हें खरीदे गए फर्जी सिमों के ओटीपी व्हाट्सएप चलाने के लिए बेच रहा था। जिसका भुगतान वह पेटीएम व एप के जरिये ले रहा था।
मंत्रालय के अधिकारियों के मिलीभगत होने की आशंका
पुलिस को जांच में पता चला कि इस गिरोह में मंत्रालय के किसी अधिकारी या कर्मचारी की मिलीभगत होने की आशंका है। क्योंकि गिरोह के शातिर एक अधिकारी का नाम बताकर और खुद को उनका सचिव बताकर दूसरे अधिकारी को काम कराने के मेसेज करते हैं। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि मंत्रालय का कोई अधिकारी या कर्मचारी शातिरों को वरिष्ठ अधिकारी के नाम व मोबाइल नंबर उपलब्ध करा रहा है। पुलिस उन्हें ट्रेस करने में जुटी है।
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