नई दिल्ली। दूरसंचार कंपनियों के राजस्व में वॉयस कॉल का हिस्सा पिछले 10 साल में 80 प्रतिशत तक घट गया है। वहीं एसएमएस सेवाओं से राजस्व में 94 प्रतिशत की कमी आई है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की ओर से जारी एक परिपत्र के अनुसार, यह गिरावट पिछले 10 साल में इंटरनेट आधारित कॉलिंग और संदेश सेवा का इस्तेमाल बढ़ने से आई है।
ट्राई के अनुसार इंटरनेट के इस्तेमाल से प्रति ग्राहक औसत राजस्व (एआरपीयू) जून, 2013 तिमाही से दिसंबर, 2022 तिमाही तक 10 गुना बढ़ गया है। वाट्सएप, गूगल मीट, फेस टाइम जैसे संदेश और कालिंग एप का नियमन करने के लिए ट्राई ने हाल ही में जारी अपने परिपत्र में ट्राई ने कहा कि संदेश, वायस कालिंग के लिए ‘ओवर द टाप’ (ओटीटी) एप के बढ़ते उपयोग से दुनियाभर में दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियों की कमाई का प्रमुख जरिया अब संदेश और काल के बजाय इंटरनेट हो गया है।
एआरपीयू के सभी प्रमुख घटकों में जून, 2013 से दिसंबर, 2022 तिमाही तक यह गिरावट हुई है। दूरसंचार कंपनियों की वृद्धि को मापने का एआरपीयू प्रमुख तरीका है। ट्राई के दस्तावेज के अनुसार, दूरसंचार कंपनियों के कुल राजस्व में इंटरनेट से कमाई की हिस्सेदारी 2013 के 8.1 से करीब 10 गुना बढ़कर दिसंबर, 2022 में 85.1 फीसद हो गई है।
हालांकि इस दौरान दूरसंचार कंपनियों का एआरपीयू 123.77 से बढ़कर सिर्फ 146.96 रुपए हुआ है। इस दौरान काल के राजस्व में हिस्सेदारी घटकर 14.79 रुपए या कुल एआरपीयू का 10.1 फीसद रह गई है। जून, 2013 में यह कुल राजस्व में 72.53 रुपए या 58.6 फीसद थी। एसएमएस की राजस्व में हिस्सेदारी एआरपीयू के 3.99 रुपए से घटकर 23 पैसे रह गई है।
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