शिवजी की आराधना का महापर्व 4 जुलाई से शुरू हो रहा है। ये महीना भोले भंडारी को बेहद प्रिय होता है। इस साल सावन 58 दिनों का होगा जो जुलाई से लेकर अगस्त कर चलेगा। श्रावण मास में शिव की पूजा-अर्चना करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। शिव भक्त इस खास शिव शंकर की कृपा से सभी दुखों से मुक्ति मिल जाती है।
पंचांग के अनुसार, आज मंगलवार के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। आज के दिन मंगला गौरी व्रत रखा जाएगा। सावन माह के सभी मंगलवार मां पार्वती की पूजा के लिए समर्पित हैं। आज के दिन मां पार्वती की विधि-विधान से पूजा की जाएगी। मां मंगला गौरी आदि शक्ति माता पार्वती का ही मंगल रूप हैं। मंगलवार 4 जुलाई से शुरू हो रहे सावन में चतुर्मास भी लग रहा है। इस महीने में दान-पुण्य और स्नान का बहुत महत्व है। मान्यता है कि सावन के महीने में भगवान शिव और माता पार्वती धरती पर रहकर अपने भक्तों को सुख समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। सावन के सोमवार व्रत रखकर भक्तों को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
सावन सोमवार व्रत का महत्व
इस बार सावन का महीना 58 दिनों तक चलेगा। जिसके कारण से सावन के महीने में कुल 8 सोमवार व्रत रखे जाएंगे। सावन का महीना शिवजी की आराधना के लिए सर्वश्रेष्ठ महीना माना जाता है क्योंकि ऐसी मान्यता है कि सावन के महीने में भगवान शिव जल्द प्रसन्न होकर सभी तरह की मनोकामनाओं को पूरा करते हैं। श्रावण के महीने में तो हर दिन शिवजी और माता पार्वती की पूजा होती है, लेकिन सावन सोमवार का व्रत बहुत ही खास रहता है। शास्त्रों में सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है। इस कारण से सावन सोमवार का महत्व होता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन के महीने ही मां पार्वती ने भगवान शिवजी को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था। मां पार्वती की कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। इस तरह से मां पार्वती का विवाह भगवान शिव के साथ हुआ। ऐसे में सावन का महीना भगवान शिव और माता पार्वती दोनों का प्रिय महीना था। इस कारण से सावन के महीने में पड़ने वाले हर सोमवार का काफी महत्व होता है। सावन का महीना और इसमें पड़ने वाले सोमवार व्रत का सुहागिन महिलाओं और कुंवारी कन्याओं के लिए बहुत ही खास होता है। सावन सोमवार के दिन विवाहित महिलाएं दिनभर व्रत रखते हुए शिवजी और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करते हुए पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। वहीं दूसरी तरफ सावन सोमवार का व्रत कुंवारी कन्याएं शिवजी की पूजा करते हुए अपने लिए सुयोग्य वर की कामना करती हैं।
सावन में कैसे करें शिव आराधना?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन के महीने में भोलेभंडारी की पूजा-उपासना और मंत्रोचार करने पर शिवजी जल्दी प्रसन्न होते हैं। सावन के महीने में सुबह जल्दी उठकर स्नान करके साफ-सुथरे कपड़े धारण करें। इसके बाद अपने घर के पास स्थित शिव मंदिर जाकर भगवान शिव का गंगाजल, शुद्ध जल, दूध, दही, शहद और गन्ने के रस से अभिषेक करें। भोलेनाथ का अभिषेक करते हुए लगातार ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप करते रहें। फिर इसके बाद शिवलिंग पर बेलपत्र, भांग, धतूरा और शमीपत्र आदि अर्पित करें। फल-पुष्य अर्पित करने के बाद शिव चालीसा का पाठ और शिव आरती करें। वहीं दूसरी तरफ सुहागिन महिलाएं सावन में आने वाले सोमवार का व्रत रखें और मां पार्वती को सोलह श्रृंगार की चीजें अर्पित करते हुए अपनी पति और परिवार की लंबी आयु व सुख-समृद्धि की कामना करें।
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