नई दिल्ली। कांग्रेस समेत 14 पॉलिटिकल पार्टियों को सुप्रीम कोर्ट से निराशा हाथ लगी है। केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाती याचिका नहीं सुनी गई। प्रधान न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि व्यक्तिगत मामले लेकर हमारे पास आइए।
सीजेआई ने कहा कि राजनेताओं को किसी तरह की इम्यूनिटी नहीं मिली हुई है। उनके लिए अलग प्रक्रिया कैसे हो सकती है। अदालत ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि आपने जो आंकड़े रखे हैं, वे केवल राजनेताओं से जुड़े हैं। आपका उद्देश्य सिलेक्टिव टारगेटिंग है। विपक्षी दलों की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए। उन्होंने कहा कि 14 राजनीतिक दल देश के 42% इलेक्टोरेट का प्रतिनिधित्व करते हैं। इनपर असर पड़ेगा तो लोग भी प्रभावित होंगे। सिंघवी ने कहा कि बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां लोकतंत्र के लिए खतरा हैं। सीजेआई ने कहा कि जब आप कहते हैं कि विपक्ष की जगह सिकुड़ गई है तो उसका निदान उसी जगह, राजनीति में है, अदालत में नहीं।
सिंघवी की दलील, सीजेआई का जवाब
सीजेआई ने कहा कि ‘आप जो गाइडलाइंस चाहते हैं… मैं बताता हूं कि याचिका सुनने में क्या समस्या है। आप कहते हैं कि 7 साल से कम सजा वाले अपराधों में गिरफ्तारी नहीं होनी चाहिए, जबतक ट्रिपल टेस्ट से संतुष्ट न हो। मैं आपको एक आसान उदाहरण देता हूं। यह याचिका वैसे तो नेताओं पर फोकस है, उन्हें कोई इम्यूनिटी नहीं मिली है। वैसे मामले लीजिए जहां शरीर पर हमला नहीं होता। करोड़ों के वित्तीय घोटाले होते हैं। क्या हम कह सकते हैं कि चूंकि इसमें शरीर को नुकसान नहीं हुआ, गिरफ्तार मत कीजिए?’
याचिका दायर करने वालों में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आप, राकांपा, शिवसेना (यूबीटी) व अन्य दल शामिल थे। उनका आरोप था कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) नीत केंद्र सरकार जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। याचिका में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) की हालिया छापेमारी का जिक्र किया गया था।
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