प्रयागराज। उमेश पाल हत्याकांड में अतीक की पत्नी शाइस्ता और बेटा असद पूरे आपरेशन की कमान संभाले रहे। हत्या के बाद बमबाज गुड्डू मुस्लिम को अखलाक के मेरठ स्थित घर पर छिपाने की जिम्मेदारी बहन आयशा ने ली थी। अतीक के पांचों गुर्गों से पूछताछ में यह खुलासा हुआ है।
पुलिस ने मंगलवार की सुबह नौ बजे नैनी जेल से धूमनगंज के नियाज अहमद, मो. सजर, कटरा के अरशद, अतीक के नौकर राकेश उर्फ लाला और कैश अहमद को कस्टडी रिमांड पर लिया। कोर्ट ने पुलिस को पांचों से पूछताछ के लिए छह घंटे की कस्टडी रिमांड मंजूर की थी। पुलिस पूछताछ के लिए 50 प्रश्नों की प्रश्नावली तैयार की थी। नियाज अहमद, सजर और अरशद ने उमेश पाल की हत्या के लिए रेकी की थी। नियाज ने बताया कि असद ने उससे 12 फरवरी को संपर्क किया था। अपने फोन से अतीक की नियाज से बात भी कराई गई थी। नियाज ने अगले दिन से ही उमेश की रेकी शुरू कर दी थी। उमेश जहां भी जाता, नियाज पीछे पीछे चल पड़ता। उमेश की गतिविधियों की पूरी जानकारी नियाज असद को देने लगा। उमेश के पड़ोसी मो. सजर ने बताया कि उसने भी 13 फरवरी से ही उमेश के लिए रेकी शुरू कर दी थी। उमेश कितने बजे घर से निकला। कौन कौन उसके साथ है। सब बातें वह इंटरनेट फोन से असद तथा अन्य गुर्गों को बताता रहा। सजर को असद ने आईफोन दिया था। उस पर पहले से ही नंबर फीड थे। उन्हीं नंबरों पर सजर जानकारी साझा करता था। सजर ने बताया कि उसे आईफोन दिया गया था लेकिन फोन इंटरनेट से फोन करने के अलावा वह और कोई फंक्शन नहीं जानता था।
अरशद ने भी बताया कि उसकी जिम्मेदारी कचहरी के आस पास की गतिविधियों की जानकारी देनी थी। इस दौरान जितनी बार उमेश कचहरी गया। वहां की पूरी जानकारी असद को देता रहा। अतीक के नौकरों कैश अहमद और राकेश उर्फ लाला ने बताया कि हत्याकांड के बाद सभी शूटर चकिया वापस आए थे। शाइस्ता ने सभी को पैसे दिए। शूटरों के जाने के बाद शाइस्ता ने अपने अन्य नौकरों के माध्यम से शूटरों के घर वालों को भी पैसे भिजवाए थे। तीन बजे तक उनसे पूछताछ की गई। इसके बाद पांचों आरोपियों को वापस नैनी जेल भेज दिया गया।
अखलाक के घर में पहुंचे थे बमबाज गुड्डू और असद
पांच लाख के इनामी अतीक के तीसरे नंबर के बेटे असद और बमबाज गुड्डू मुस्लिम ने नौचंदी थानाक्षेत्र के भवानी नगर में अखलाक के घर शरण ली थी। एसटीएफ की लखनऊ टीम ने रविवार रात अखलाक को गिरफ्तार कर लिया। साथ ही घर की तलाशी लेने के बाद सीसीटीवी कैमरे की फुटेज मिली थी, जिसमें पांच मार्च की सुबह गुड्डू अखलाक के घर आया था। दूसरे दिन असद भी भवानी नगर में छिपा था।
बताया जाता है कि दोनों यहां से दिल्ली के लिए रोडवेज बस में सवार हो गए थे। अखलाक से पूछताछ में सामने आया कि उसने अतीक के बेटे और शूटरों की मदद के लिए अपनी कार भी मुहैया कराई थी। उमेश पाल की हत्या करने के बाद शूटरों ने इसी कार का भी प्रयोग किया था।
पांच मार्च तक कार से घूमते रहे थे शूटर
घटना के बाद पांच मार्च तक आरोपित इस कार में घूमते रहे। छह मार्च को संदीपन घाट थाना क्षेत्र में यह कार लावारिस अवस्था में मिली थी। पुलिस उस कार के बारे में कोई पड़ताल नहीं कर पाई। अखलाक और नौकर शाहरुख ने पूछताछ के दौरान कार के बारे में जानकारी दी।
डाक्टर की पत्नी की भूमिका पर बैठी जांच
अखलाक के खिलाफ मजबूत साक्ष्य मिलने के बाद उसकी पत्नी आयशा नूरी की भूमिका पर भी जांच बैठ गई है। अतीक की दूसरी बहन के बेटे शादाब के बारे में भी एसटीएफ जानकारी जुटा रही है। माना जा रहा है कि गुडडू मुस्लिम और असद की मदद के करने के लिए शादाब को अखलाक ने ही अपने घर बुलाया था। एएसपी एसटीएफ ब्रिजेश सिंह ने बताया कि अखलाक के बाद आयशा और शादाब के खिलाफ भी साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं।
पहले भी अखलाक ने दी थी शरण
माफिया अतीक के परिवार को अखलाक हर घटना के बाद शरण देता था। देवरिया जेल में मोहित गुप्ता पर हमला करने वाले अतीक के बेटे उमर को भी अखलाक ने ही शरण दी थी। तब भी एसटीएफ की छापमारी के दौरान उमर यहां से फरार हो गया था। उस समय एसटीएफ ने अली और असद को यहां से पकड़ा था। उन्हें पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया था। पुरानी घटनाओं पर भी अखलाक की भूमिका की पड़ताल की जा रही है।
असद व गुड्डू को फ्लैट दिलाने में अखलाक ने किया था सहयोग
पांच मार्च की रात को दिल्ली के लिए रवाना हुए गुड्डू और असद को अखलाक ने दिल्ली के निजामुद्दीन में फ्लैट दिलाने में भी सहयोग किया था। मेरठ से दोनों निजामुद्दीन पहुंचे थे। एसटीएफ पड़ताल कर रही है कि हाल में भी गुड्डू और असद के बारे में भी अखलाक परिवार को जानकारी हो सकती है। ऐसे में उसके परिवार पर नजर रखी जा रही है। साथ ही उनके मोबाइल नंबरों की भी डिटेल देखी जा रही है।
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