तिरुवनंतपुरम। एनसीपी के लक्षद्वीप से सांसद रहे मोहम्मद फैजल पीपी की लोकसभा सदस्यता को सुप्रीम कोर्ट ने बहाल कर दिया है।
कावरत्ती की एक अदालत ने एनसीपी सांसद मोहम्मद फैजल को हत्या के एक मामले में दोषी ठहराया था और उन्हें 10 साल की सजा सुनाई थी। जनप्रतिनिधि कानून के तहत 2 साल या उससे ज्यादा की सजा होने पर संसद सदस्य या विधानसभा सदस्य की सदस्यता रद्द हो जाती है। ऐसे में कानून के तहत मोहम्मद फैजल की संसद सदस्यता रद्द हो गई। 11 जनवरी 2023 को अदालत ने मोहम्मद फैजल को हत्या का दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई और 13 जनवरी को लोकसभा सचिवालय ने नोटिफिकेशन जारी कर उनके संसद सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित कर दिया।
वहीं स्थानीय अदालत के फैसले के खिलाफ मोहम्मद फैजल ने केरल हाईकोर्ट में अपील दायर की, जहां से 25 जनवरी को उनकी सजा पर स्टे लग गया। इसके बाद मोहम्मद फैजल ने लोकसभा सचिवालय से अपनी संसद सदस्यता बहाल करने की मांग की लेकिन कई बार कहने के बावजूद अभी तक मोहम्मद फैजल की संसद सदस्यता बहाल नहीं की गई है। अब सुप्रीम कोर्ट में मामला पहुंचने के बाद फैजल की लोकसभा सदस्यता को बहाल कर दिया गया है। फैजल की सदस्यता सुप्रीम कोर्ट से बहाल होने के बाद लोकसभा की ओर से बाकायदा नोटिफिकेशन भी जारी किया गया है।
‘मोदी सरनेम’ को लेकर सजा के बाद गई थी राहुल की सदस्यता
बीते दिनों पहले ‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी को लेकर दाखिल एक मामले में सुनवाई करते हुए गुजरात की सूरत कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई थी। जिसके बाद लोकसभा सचिवालय की ओर से राहुल गांधी को नोटिफिकेशन जारी कर लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किया गया था। राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता जाने के बाद कांग्रेस पार्टी ने देश भर में विरोध प्रदर्शन कर इसे बीजेपी की साजिश बताया था। कांग्रेस लगातार बीजेपी पर लगातार कारोबारी गौतम अडानी को बचाने का आरोप लगा रही है।
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