पटना। बिहार के चर्चित यूट्यूबर मनीष कश्यप की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं। उन्हें कोर्ट ने फिर से जेल भेज दिया है। इस बार पटना की विशेष अदालत ने मामले की सुनवाई के दौरान तमिलनाडु पुलिस की ओर मनीष की रिमांड की मांग मंजूर कर ली। कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने मनीष कश्यप को रिमांड पर लेने के बाद बिहार से तमिलनाडु के लिए रवाना हो गई है।
चर्चित यूट्यूबर मनीष कश्यप से इससे पहले आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने उससे 5 दिन तक गहरी पूछताछ की थ। लेकिन तब मनीष कश्यप का वो मोबाइल बरामद नहीं पाया था, जिससे कथित तौर पर तमिलनाडु से जुडे़ फर्जी वीडियो अपलोड किए गए। पूछताछ के बाद सोमवार को EOU की स्पेशल कोर्ट में मनीष कश्यप को पेश किया गया। इसके बाद SJM आदि देव ने मनीष कश्यप को 14 दिन की हिरासत में बेऊर जेल भेज दिया।
मंगलवार को तमिलनाडु पुलिस (Tamil Nadu Police) पूछताछ के लिए मनीष कश्यप को लेकर तमिलनाडु के लिए रवाना हुई। बता दें तमिलनाडु में मनीष कश्यप मामले की जांच कर रही पुलिस की एक टीम पहले ही पटना आ गई थी। इस टीम ने पटना की जिला अदालत में मनीष कश्यप को रिमांड पर लेने के लिए याचिका भी दायर की थी। जिसकी मंगलवार को सुनवाई हुई।
यूट्यूबर मनीष कश्यप पर तमिलनाडु के कृष्णागिरी और बरगुर थाने में अलग-अलग मामलों में FIR दर्ज हैं। इन्हीं मुकदमों से जुड़ी पूछताछ के लिए मनीष कश्यप को तमिलनाडु पुलिस रिमांड पर ले गई। इसके लिए तमिलनाडु पुलिस की टीम वहां कि एक अदालत से प्रोडक्शन वारंट लेकर आई थी।
बता दें तमिलनाडु पुलिस की ओर से किए गए 13 एफआईआर में से 6 में मनीष नामजद है। कृष्णागिरी, बरगस और त्रिपुर में मनीष कश्यप के खिलाफ मामले दर्ज हैं। केस में मनीष के साथ उसके यूट्यूब चैनल ’सच तक’ का भी नाम शामिल है।
स्कूल के समय ही वीडियो बनाने का रहा है शौक
मनीष कश्यप मूल रूप से बिहार के मझौलिया थाना अंतर्गत डुमरी-महनवा का रहने वाला है। स्कूलिंग वगैरह भी मनीष ने जिला मुख्यालय बेतिया से की है। शरुआती दिनों में मनीष स्थानीय मुद्दे के साथ गौ तस्करी के खिलाफ और हिन्दू पक्षकार के तौर पर वीडियो बनाया करता था। चनपटिया विधानसभा से चुनाव हारने के बाद स्थानीय लोगों की मदद से एक चैनल खड़ा किया। जिसका नाम बाद में सच तक कर दिया गया। बताया जाता है कि मनीष के दादा स्वतंत्रता सेनानी थे, और पिता अभी भारतीय सेना में है।
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