नई दिल्ली। मोदी सरनेम मामले में दो साल की सजा के बाद राहुल गांधी की सदस्यता खत्म कर दी गई है। राहुल गांधी केरल के वायनाड से लोकसभा सांसद थे। कांग्रेस ने राहुल की संसद सदस्यता खत्म होने के बाद कहा कि उनके नेता को सच बोलने की सजा दी गई। उधर, राहुल पर लोकसभा सचिवालय के फैसले को बीजेपी ने देशहित में बताया है।
लोकसभा सचिवालय ने मानहानि मामले में 2 साल की सजा के बाद ये राहुल गांधी की सदस्यता खत्म करने का नोटिस जारी कर दिया है। लोकसभा सचिवालय ने नोटिफिकेशन में कहा है कि सूरत के चीफ जूडिशल मजिस्ट्रेट की अदालत में राहुल गांधी को मानहानि मामले में 2 साल की सजा सुनाई गई है। ऐसे में केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी की संसद सदस्यता 23 मार्च 2023 से समाप्त की जाती है। नोटिफिकेशन में संविधान के आर्टिकल 102 (1) (e) के सेक्शन 8 के पीपल ऑफ रिप्रजेंटेशन एक्ट, 1951 के तहत ये फैसला किया गया है।
राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म
लोकसभा के महासचिव उत्पल कुमार सिंह के नाम से जारी इस नोटिफिकेशन की कॉपी राहुल गांधी को भी भेज दी गई है। इसके अलावा राहुल की सदस्यता जाने का नोटिस राष्ट्रपति सचिवालय, मुख्य चुनाव अधिकारी तिरुवनंतपुरम, केरल, एनडीएमसी से सचिव इसके अलावा लोकसभा सचिवालय के सभी ब्रांच को भेजा गया है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट करके कहा कि हम इस लड़ाई को कानूनी और राजनीतिक तौर पर लड़ेंगे। हम चुप नहीं बैठेंगे। अडानी मामले में जेपीसी की जगह राहुल गांधी की सदस्यता रद्द कर दी गई है। भारतीय लोकतंत्र ओम शांति!
गौरतलब है कि मानहानि केस में सूरत की कोर्ट ने गुरुवार को उन्हें 2 साल की सजा सुनाई थी। राहुल गांधी ने 2019 में कर्नाटक की सभा में मोदी सरनेम को लेकर बयान दिया था। उन्होंने कहा था- सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है। इस मामले में सूरत कोर्ट ने उन्हें सजा सुनाई। सुप्रीम कोर्ट ने 2013 में फैसला दिया था कि अगर किसी जन प्रतिनिधि जैसे विधायक या सांसद को 2 साल या उससे ज्यादा की सजा दी जाती है तो उसकी सदस्यता रद्द कर दी जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर सजा के खिलाफ प्रतिनिधि ऊपरी अदालत में अपील करता है तो यह नियम लागू नहीं होगा।
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