डिब्रूगढ़। खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के सात सहयोगियों को केंद्रीय कारागार में चौबीस घंटे सीसीटीवी की निगरानी में अलग-अलग सेल में रखा गया है। इनमें उसका चाचा भी शामिल है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
पुलिस महानिरीक्षक (कानून व्यवस्था) प्रशांत भुइयां ने बुधवार को जेल की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। डिब्रूगढ़ के उपायुक्त बिस्वैत पेगू ने कहा कि एनएसए बंदियों की सुरक्षा व्यवस्था अन्य कैदियों की तुलना में अलग है। जेल में 19 मार्च से बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई थी, जब पंजाब पुलिस द्वारा संगठन के सदस्यों को यहां स्थानांतरित किया गया था।
अधिकारी ने बताया कि जेल परिसर में चार अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जबकि अन्य सभी खराब कैमरों बदल दिया गया है या उनकी मरम्मद की गई है। जेल के एक अधिकारी ने बताया कि ब्लैक पैंथर असम पुलिस कमांडो की एक टीम को जेल की बाहरी परिधि की सुरक्षा का जिम्मा सौंपा गया है, जबकि सीआरपीएफ, असम पुलिस के जवानों और जेल के सिक्योरिटी गार्ड्स को आंतरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई है। उन्होंने बताया कि जेल की पूरी बाहरी सीमा पर भी सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
डिब्रूगढ़ जेल में अमृतपाल के चाचा समेत ये सात सहयोगी
अमृतपाल सिंह के चाचा हरजीत सिंह सहित तीन अन्य लोगों को एनएसए के तहत हिरासत में लिया गया और पंजाब से करीब ढाई सौ किलोमीटर दूर डिब्रूगढ़ लाया गया। जेल में बंद ‘वारिस पंजाब दे’ के अन्य सदस्य दलजीत कालसी, बसंत सिंह, गुरमीत सिंह भूकनवाला, भगवंत सिंह, कुलवंत सिंह धालीवाल और गुरिंदर पाल सिंह हैं।
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