मुंबई। एशिया की पहली महिला लोको पायलट सुरेखा यादव ने अपने नाम एक और उपलब्धि हासिल कर ली है। उन्होंने वंदे भारत एक्सप्रेस का संचालन किया। सुरेखा यादव के नाम वंदे भारत की पहली महिला लोको पायलट के अलावा कई उपलब्धियां हैं।
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सुरेखा यादव की प्रशंसा की और एक ट्वीट लिखा, “वंदे भारत – नारी शक्ति द्वारा संचालित। श्रीमती सुरेखा यादव, वंदे भारत एक्सप्रेस की पहली महिला लोको पायलट”। सुरेखा यादव ने वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को सोलापुर से छत्रपति शिवाजी टर्मिनल तक दौड़ाया। प्लेटफॉर्म नंबर 8 पर उनका अभिनंदन किया गया। सुरेखा यादव ने हाई-स्पीड वंदे भारत ट्रेन के संचालन का मौका दिए जाने के लिए आभार व्यक्त किया।
सीआर के एक अधिकारी ने कहा, ‘सुरेखा यादव एशिया की पहली महिला लोको पायलट हैं। उन्होंने 13 मार्च 2023 को सोलापुर-सीएसएमटी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का सफल संचालन किया। इसके साथ ही वो वंदे भारत एक्सप्रेस को ड्राइव करने वाली पहली महिला लोको पायलट भी बन गईं। उनकी इस उपलब्धि ने मध्य रेलवे को भी सम्मानित किया। यह भारतीय रेलवे के लिए भी गौरवपूर्ण पल है।
एशिया की पहली महिला ट्रेन चालक
महाराष्ट्र के सतारा की रहने वाली सुरेखा यादव 1988 में भारत की पहली महिला ट्रेन ड्राइवर बनीं। वह देश ही नहीं एशिया की पहली महिला ट्रेन चालक भी हैं। अप्रैल 2000 में तत्कालीन रेल मंत्री ममता बनर्जी ने पहली बार चार महानगरीय शहरो में “लेडीज स्पेशल” लोकल ट्रेन शुरू की, जिनके चालक दल में सुरेखा यादव भी थी। उनके करियर में एक महत्वपूर्ण घटना 8 मार्च 2011 को हुई, जब अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सुरेखा ने डेक्कन क्वीन नाम की रेलगाड़ी को पुणे से सीएसटी मुंबई तक ले गईं। इसके साथ ही वह एशिया की पहली महिला ट्रेन ड्राइवर बन गई थीं।
10 फरवरी को पीएम मोदी ने दिखाई हरी झंडी
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत 10 फरवरी को दो वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों सीएसएमटी-सोलापुर और सीएसएमटी-साईनगर शिरडी को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि इन दोनों रेल मार्गों पर ट्रेनों का परिचालन करने वाले लोको पायलटों को विशेष रूप से ट्रेनिंग दी गई है। यात्रा के दौरान उन्हें ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत होती है।
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