लखनऊ। समाजवादी पार्टी नेता आजम खान के बाद बेटे अब्दुल्ला आजम की विधानसभा सदस्यता चली गई है। अब्दुल्ला स्वार सीट से विधायक चुने गए थे। मुरादाबाद कोर्ट ने छजलैट मामले में दो दिन पहले ही आजम खान को दो साल की सजा सुनाई थी। सदस्यता खत्म होने के साथ ही एक बार फिर रामपुर के स्वार सीट पर उपचुनाव होना तय हो गया है।
बसपा सरकार में दर्ज 15 साल पुराने केस का सोमवार को फैसला हुआ था। अदालत ने बवाल व सरकारी कार्यो में बाधा के लिए आजम खान और अब्दुल्ला को दोषी माना था। सुनवाई में पुलिसकर्मियों समेत आठ ने गवाही दी। कोर्ट ने अमरोहा विधायक महबूब अली व नगीना से मनोज पारस के अलावा पूर्व विधायक नईमुल हुसन, हाजी इकराम कुरैशी के अलावा डीपी यादव, राजेश यादव व राज कुमार प्रजापति को बरी कर दिया।
एमपी-एमएलए कोर्ट ने पंद्रह साल पुराने छजलैट बवाल में सपा नेता आजम खान और उनके विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम को दोषी मानते हुए दोनों को दो-दो साल की सजा सुनाई थी। सजा के बाद आजम और उनके बेटे की जमानत अर्जी कोर्ट ने मंजूर कर ली है। साथ ही सजा पर अपील दाखिल करने के लिए एक माह का समय दिया है।
अब विधायकी खत्म होने के बाद चूंकि स्वार विधानसभा सीट खाली हो गई है, इसलिए वहां चुनाव की तैयारी भी शुरू की जाएगी। ठीक इसी तरह हेट स्पीच मामले में अब्दुल्ला आजम के पिता आजम खान की रामपुर से विधानसभा सदस्यता गई और बाद में हुए उपचुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार आकाश सक्सेना विधायक चुने गए हैं। नियम यह है कि आपराधिक मामले में दो साल या उससे अधिक सजा होने पर जनप्रतिनिधि की विधायकी खुद ही खत्म हो जाती है।
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