बीजिंग। चीन में कोरोना वायरस तांडव मचा रहा है जिसके बाद कई देशों ने चीन के ऊपर कई तरह के यात्रा प्रतिबंध लगाए हैं, जिससे चीन बौखला गया है। देशों ने चीनी यात्रियों को लेकर सख्त कोविड प्रोटोकॉल बनाए हैं।
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है, कि चीनी यात्रियों को लेकर बनाए गये प्रोटोकॉल भेदभावपूर्ण हैं। दुनिया भर के ज्यादातर देशों ने यात्रियों के लिए बॉर्डर खोलने के चीनी फैसले का स्वागत किया है और देश की COVID-19 के खिलाफ लड़ाई के एक नए चरण में प्रवेश करने के बाद चीनियों को विदेश यात्रा के लिए प्रोत्साहित किया है। हालांकि, कुछ देश और क्षेत्र, जैसे कि अमेरिका और जापान, चीन के फिर से खुलने को बीजिंग को बदनाम करने के एक और मौके के रूप में देख रहे हैं”।
चीनी अखबार ने कहा है, कि अमेरिका और जापान के ये कदम “निराधार” और “भेदभावपूर्ण” हैं, जो कोरोना के बहाने चीन से आगमन पर यात्रा प्रतिबंध लगाए गये हैं, लेकिन असली इरादा चीन के तीन साल के COVID-19 नियंत्रण प्रयासों को तोड़ना और देश की व्यवस्था पर हमला करना है”।
आपको बता दें कि चीन में कोरोना वायरस की नई लहर ने पूरी दुनिया को डरा दिया है, लिहाजा यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने बुधवार को कहा कि, 5 जनवरी से चीन, हांगकांग और मकाओ से अमेरिका जाने वाले यात्रियों को कोविड-19 सर्टिफिकेट दिखाना और उनका कोविड टेस्ट करना अनिवार्य होगा। अमेरिका ने कहा है, कि किसी और देश होते हुए भी जो चीनी नागरिक अमेरिका आते हैं, उनका भी कोरोना टेस्ट किया जाएगा और कोविड निगेटिव पाए जाने के बाद ही उन्हें अमेरिका में आने की इजाजत दी जाएगी। जापान ने भी चीनी यात्रियों को लेकर यही कदम उठाए हैं।
वहीं भारत में विदेशी यात्रा के लिए कोरोना नियमों को सख्त करने की घोषणा की गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “1 जनवरी 2023 से चीन, हांगकांग, जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर और थाईलैंड से आने वाले यात्रियों के लिए RT-PCR टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है। उन्हें यात्रा से पहले अपनी रिपोर्ट एयर सुविधा पोर्टल पर अपलोड करनी होगी।”
Discussion about this post