पटना। बिहार में जहरीली शराब से मौत के बाद विपक्ष हमलावर है। बीजेपी आरोप लगा रही है जो तेजस्वी 6 महीने पहले तक शराबबंदी का विरोध कर रहे थे वह अब नीतीश कुमार की भाषा बोलने लगे हैं। चिराग पासवान ने भी तेजस्वी यादव पर आरोप लगाया है कि सत्ता में आने के बाद तेजस्वी यादव की नीति और नियत बदल गई है। इधर तेजस्वी यादव की पार्टी के एक एमएलसी ने भी कहा है कि तेजस्वी यादव तो खुद शराब पीते हैं, वे चाहते हैं कि एक दिन में शराबबंदी खत्म हो जाये लेकिन नीतीश के सामने बोल नहीं पाते हैं।
एबीपी के स्टिंग ऑपरेशन में आरजेडी एमएलसी रामबली सिंह यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि तेजस्वी यादव भी शराब पीते हैं। वे खुद शराबबंदी खत्म करवाना चाहते हैं और दारू चालू करवाना चाहते हैं। मगर उनकी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने बोलने की हिम्मत नहीं है। रामबली सिंह ने कहा कि सीएम नीतीश सुनना नहीं चाहते हैं, शराबबंदी पर उनकी अपनी जिद ही। सब लोगों को लगता है कि शराब नीति फेल है, इसकी समीक्षा होनी चाहिए। इससे गरीबों का नुकसान हो रहा है। लोग जेलों में बंद हैं। बिहार के आधे से ज्यादा मंत्री-विधायक और आधे से ज्यादा अफसर शराबबंदी में भी दारू पीते हैं। रात में जाकर इंक्वायरी कर लो कितने लोगों के यहां दारू चल रहा है।
रामवली सिंह ने कहा बिहार के हर गांव में शराब बन औऱ बिक रही है। नीतीश कुमार की जिद ने बिहार को बर्बाद कर दिया है। रामवली सिंह ने अपनी पार्टी के नेता के बारे में कहा-सीएम सुनना नहीं चाहते हैं और तेजस्वी यादव को बोलने की हिम्मत नहीं है। जब वह बोल नहीं पाते हैं तब हम छोटे लोग कैसे बोलेंगे।सब जानता है कि शराब नीति फेल है लेकिन कोई बोल नहीं रहा है।
‘भगवान की तरह है शराब’
स्ट्रिंग ऑपरेशन में रामवली सिंह अपने पुराने बयान को भी दोहरा रहे हैं। जिसमें उन्होंने कहा था शराब भगवान की तरह है जो हैं सब जगह पर दिखते नहीं है। उसी तरह बिहार में शराबबंदी है। इसके बाद शराब की दुकान, आउटलेट, दुकान का बोर्ड कहीं नहीं है लेकिन यह हर जगह उपल्बध है।
‘नीतीश कुमार कोई लीडर नहीं ‘
रामवली सिंह ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार कोई लीडर नहीं हैं। पिछले 17 सालों से कोई चुनान नहीं जीता है। वह मैनेजमेंट के जरिये सीएम बने हुए हैं। उनकी पार्टी में भी उनको छोड़कर सब चाहते हैं कि शराबबंदी हटाई जाए। अगर तेजस्वी या बीजेपी किसी की भी सरकार आती है तो शराबबंदी खत्म हो जायेगी।
Discussion about this post