दिल्ली। राजधानी दिल्ली की एक अदालत ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद को बहन की शादी के लिए एक सप्ताह की अंतरिम जमानत दी है। खालिद को 30 दिसंबर को सरेंडर करना होगा।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचल के कड़कड़डूमा कोर्ट ने उसे 23 से 30 दिसंबर तक के लिए जमानत दी है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत के कोर्ट ने उमर को 23 से 30 दिसंबर तक के लिए राहत दी है। साथ ही निर्देश दिया कि अवधि पूर्ण होने पर वह सरेंडर कर दे। दंगे की साजिश के आरोप में उमर खालिद दो साल से ज्यादा समय से तिहाड़ जेल में बंद है। उसने दो सप्ताह की अंतरिम जमानत के लिए दायर अर्जी में बताया कि 28 दिसंबर को उसकी छोटी बहन का विवाह कालिंदी कुंज स्थित बैंक्वेट हाल में होना है। उससे पहले 26 दिसंबर को हल्दी और 27 दिसंबर को मेहंदी समारोह होगा। इसके लिए उसने 20 दिसंबर 2022 से तीन जनवरी 2023 तक के लिए अंतरिम जमानत मांगी थी।
उमर का परिवार इस समय दिल्ली में ही जौहरी फार्म में रह रहा है। अर्जी में उसने आग्रह किया था कि इकलौता भाई होने के कारण विवाह की रस्मों में शामिल होने के अलावा व्यवस्थाएं बनाने में उसकी जरूरत है। कोर्ट को आश्वासन दिया था कि राहत मिलने पर वह मीडिया से बात नहीं करेगा और न ही लोगों से मिलेगा।
खालिद पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत कथित रूप से फरवरी 2020 के दिल्ली दंगों का मुख्य षड्यंत्रकारी होने का मामला दर्ज किया गया था। इन दंगों में 53 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक घायल हुए थे। संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई थी। दिल्ली पुलिस ने खालिद को सितंबर 2020 में गिरफ्तार किया था।
Discussion about this post