नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत में टेलीविजन चैनलों के अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग के लिए दिशानिर्देश, 2022 को मंजूरी दे दी है। जिसके तहत चैनलों के लिए राष्ट्रीय और सार्वजनिक हित में कंटेंट प्रसारित करना अनिवार्य हो गया है। नए दिशा-निर्देशों के तहत हर दिन कम से कम 30 मिनट का समय लोक सेवा और राष्ट्रीय हित से संबंधित कार्यक्रमों के प्रसारण के लिए दिया जाना है।
नई गाइडलाइंस में हर ब्रॉडकास्टर या चैनल को रोज राष्ट्रीय महत्व या हित और जनसेवा से जुड़े मुद्दों पर आधे घंटे का कंटेट देना अनिवार्य होगा। इसके लिए मंत्रालय की ओर से आठ थीमों का विकल्प भी दिया गया है, जिनमें से किसी भी मुद्दे पर चैनल आधे घंटे का कार्यक्रम कर सकते हैं। उनमें महिला सशक्तीकरण, कृषि और ग्रामीण विकास, शिक्षा और साक्षरता का प्रसार, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, साइंस और टेक्नॉलजी, समाज के कमजोर तबकों का कल्याण, राष्ट्रीय अखंडता, पर्यावरण और सांस्कृति संरक्षण शामिल हैं।
नए दिशा-निर्देशों के तहत इवेंट से जुड़े कार्यक्रमों के सीधे प्रसारण के लिए पहले से इजाजत लेने की शर्त खत्म कर दी गई है। हालांकि सीधे प्रसारण किए जाने वाले कार्यक्रमों का पूर्व रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा। दिशा-निर्देशों के अनुसार एक से अधिक टेलीपोर्ट की सुविधाओं का इस्तेमाल कर किसी चैनल को अपलिंक किया जा सकता है। मौजूदा नियमों के तहत सिर्फ एक ही टेलीपोर्ट या उपग्रह के जरिए चैनल को अपलिंक किया जा सकता है। चैनलों की नेटवर्थ से जुड़े नियम में भी बदलाव किया गया है। चैनलों के रिन्यू होने पर उनकी नेटवर्थ की लिमिट 20 करोड़ की गई है।
11 साल बाद किया गया नियमों में बदलाव
दिशानिर्देश पहली बार 2005 में जारी किए गए थे और 2011 में संशोधित किए गए थे। अंतरिम अवधि में तकनीकी प्रगति को ध्यान में रखते हुए 11 साल बाद वर्तमान संशोधन हुआ है। नए दिशानिर्देशों में कहा गया है कि एक कंपनी डिजिटल सैटेलाइट न्यूज गैदरिंग (डीएसएनजी) के अलावा अन्य समाचार एकत्र करने वाले उपकरणों जैसे ऑप्टिक फाइबर, बैक पैक, मोबाइल का उपयोग कर सकती है, जिसके लिए अलग से अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी।
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