दिल्ली। दिल्ली एनसीआर में दिवाली से पहले प्रदूषण का कहर डरा रहा है। दिल्ली की वायु गुणवत्ता सोमवार सुबह ‘बेहद खराब’ श्रेणी के नजदीक पहुंच गई। दिल्ली के कई इलाके प्रदूषण के कारण धुंध की चाटर में लिपट गए।
दिल्ली में सोमवार सुबह 8 बजे एक्यूआई 301 दर्ज किया गया। शहर में 35 निगरानी केंद्रों में से 19 ने वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की जबकि आनंद विहार केंद्र ने प्रदूषण का ‘गंभीर’ स्तर दर्ज किया। पड़ोसी शहर गाजियाबाद (एक्यूआई 302), नोएडा (302), ग्रेटर नोएडा (285), गुरुग्राम (271) और फरीदाबाद (256) में वायु गुणवत्ता खराब से बहुत खराब श्रेणी में दर्ज की गई।
केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत आने वाली एक पूर्वानुमान एजेंसी वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान अनुसंधान प्रणाली (सफर) ने पहले अनुमान जताया था कि हवा मंद पड़ने और कम तापमान के कारण हवा में प्रदूषकों के एकत्र होने से सोमवार सुबह वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की जा सकती है। उसने कहा था कि अगर पटाखे नहीं जलाए जाते तो वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में ही रहेगी। अगर पिछले साल की तरह पटाखे जलाए जाते हैं तो दिवाली की रात को वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में जा सकती है और अगले दिन भी खतरे की श्रेणी में बनी रह सकती है।
बता दें शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 को ‘संतोषजनक’, 101 से 200 को ‘मध्यम’, 200 से 300 को ‘खराब’, 301 से 400 को ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 को ‘गंभीर’ माना जाता है।
पराली जलाने से बढ़ रहा है प्रदूषण
सोमवार दोपहर से हवा की दिशा और गति वायु प्रदूषण के लिए बहुत अनुकूल रहने की संभावना है। यह 25 अक्टूबर को दिल्ली के पीएम2.5 प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी को बढ़ाकर 15-18 प्रतिशत कर देगा और हवा की गुणवत्ता को ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंचा देगा। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान ने रविवार शाम को पंजाब में पराली जलाने की 902, हरियाणा में 217 और उत्तर प्रदेश में 109 घटनाएं दर्ज की। दिल्ली के कई हिस्सों में लोगों ने प्रतिबंध का उल्लंघन करते हए रविवार रात को पटाखे जलाए। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने पहले कहा था कि दिवाली पर शहर में पटाखे जलाने पर छह महीने तक की कैद और 200 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा।
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