तिरुवनंतपुरम। केरल के नौ विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने इस्तीफा देने के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के आदेश को चुनौती देते हुए केरल उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। सभी कुलपतियों ने इस्तीफे पर रोक लगाने की मांग की है।
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने राज्य के नौ विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से इस्तीफा मांगा है। यूजीसी के नियमों के विपरीत एपीजे अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति (वीसी) की नियुक्ति को रद्द करने के सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश के बाद यह ऐक्शन सामने आया है। राजभवन की ओर से ट्वीट कर कहा गया कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखते हुए राज्यपाल ने 9 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को इस्तीफा देने का निर्देश दिया है।
विश्वविद्यालयों के नामों की एक सूची के साथ ट्वीट में कहा गया है, ‘2022 की सिविल अपील संख्या 7634-7635, 2021 की (एसएलपी (सी) संख्या 21108-21109) में माननीय सुप्रीम कोर्ट के दिनांक 21.10.22 के फैसले को बरकरार रखते हुए, माननीय राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने 9 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को इस्तीफा देने का निर्देश दिया है।’
राज्यपाल के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सत्ताधारी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) ने इसे संघ परिवार की ‘साजिश’ का नतीजा बताया ताकि वह देश की शिक्षा प्रणाली का कथित तौर पर भगवाकरण करने के अपने एजेंडे के लिए राज्य की प्रतिरोधक शक्ति को ध्वस्त कर सकें।
सीपीएम राज्य सचिवालय ने आरोप लगाया कि यह फैसला लोकतंत्र की सभी सीमाओं का उल्लंघन करता है। यह भी आरोप लगाया कि यह राज्य में विकास की राह को बेपटरी करने के लिए केंद्र की एक चाल है। कन्नूर विश्वविद्यालय के कुलपति ने राज्यपाल के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वह सोमवार को इस्तीफा नहीं सौंपेंगे। उन्होंने कहा, ‘देखता हूं कि मेरे इस्तीफा नहीं देने पर क्या कार्रवाई की जायेगी।’
सीपीएम राज्य सचिव एमवी गोविंदन और भाकपा के के राजेंद्रन ने कहा कि लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) नेताओं की यहां आयोजित एक बैठक में फैसला किया गया कि विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में अपनी शक्तिों का ‘दुरुपयोग’ करने के लिए राज्यपाल के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन किया जायेगा।
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