इस्लामाबाद। पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई नेता इमरान खान को बड़ा झटका देते हुए उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया है। इमरान खान अब देश की संसद नैशनल असेंबली के सदस्य नहीं रह गए हैं। चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद देश में हिंसा की आशंका को देखते हुए चुनाव आयोग से सटे सैकड़ों पुलिसकर्मियों को सुरक्षा व्यवस्था के लिए तैनात किया गया है।
पाकिस्तान के मुख्य चुनाव आयुक्त सिकंदर सुल्तान रजा की अध्यक्षता वाली 4 सदस्यों की बेंच ने इमरान के खिलाफ यह फैसला सुनाया। प्रधानमंत्री रहने के दौरान इमरान खान पर विपक्ष के सांसदों ने चुनाव आयोग में मामले की शिकायत की थी। इमरान पर आरोप था कि उन्होंने तोशखाना में जमा गिफ्ट्स को सस्ते में खरीदा और ज्यादा दामों में बेच दिया। 19 सितंबर को चुनाव आयोग ने तोशाखाना मामले में अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया था। इस फैसले के बाद विशेषज्ञों का कहना है कि इमरान खान इसे कोर्ट में चुनौती देंगे जहां यह टिक फैसला नहीं पाएगा।
आयोग में आखिरी सुनवाई के दौरान इमरान खान के वकील ने माना था कि उनके मुवक्किल ने साल 2018-19 के बीच में मिले कम से कम 4 गिफ्ट को बेच दिया था। उन्होंने कहा, ‘इन विदेशी गिफ्ट को 5 करोड़ 80 लाख रुपये में बेचा गया था। इसके विवरण को इमरान खान ने अपने आयकर रिटर्न में दिखाया था।’ इमरान खान के वकील ने यह भी कहा कि पीटीआई नेता ने चुनाव आयोग को भी इन गिफ्ट के बारे में जानकारी दी थी।
क्या था पूरा मामला?
2018 में सत्ता में आए इमरान खान को आधिकारिक यात्राओं के दौरान अमीर अरब शासकों से महंगे उपहार मिले, जो तोशाखाना में जमा किए गए थे। बाद में उन्होंने उसे प्रासंगिक कानूनों के अनुसार रियायती मूल्य पर खरीदा और उसे भारी मुनाफे पर बेच दिया। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ने सुनवाई के दौरान ईसीपी को बताया कि राज्य के खजाने से खरीदे गए उपहारों की बिक्री से 21.56 करोड़ रुपये का भुगतान कर लगभग 58 लाख रुपये प्राप्त हुए।
उपहारों में, एक महंगी कलाई घड़ी, कफलिंक की एक जोड़ी, एक महंगा पेन, एक अंगूठी और चार रोलेक्स घड़ियाँ शामिल थीं। इमरान खान के विरोधी दावा कर रहे हैं कि उन्होंने आयकर रिटर्न में बिक्री दिखाने में विफल रहे। याचिका में मांग की गई थी कि उन्हें पाकिस्तान के संसद सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित किया जाए।
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