दिल्ली। दिल्ली समेत 8 राज्यों में पुलिस और दूसरी कई एजेंसियों ने पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी की है। पीएफआई पर ऐक्शन पार्ट- 2 के बाद अब दिल्ली में माहौल बिगाड़े जाने की आशंका गहरा गई है। इसे देखते हुए जामिया यूनिवर्सिटी के आसपास लोगों जुटने और विरोध प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई है। दो महीने तक के लिए यह रोक लगाई गई है। अब तक करीब 30 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है।
न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के सहायक पुलिस आयुक्त द्वारा एक आदेश जारी किया गया जिसमें कहा गया था कि 19 सितंबर को जामिया नगर क्षेत्र में सीआरपीसी की धारा 144 लागू की गई थी। आदेश के अनुसार पुलिस ने न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के अनुमंडल के संपूर्ण अधिकार क्षेत्र में जुलूसों, रैलियों या समारोहों में किसी भी रूप में लाइव फायर ले जाने पर रोक लगा दी है। यह आदेश 19 सितंबर को लागू हुआ और 60 दिनों की अवधि के लिए 17 नवंबर तक प्रभावी रहेगा, जब तक कि इसे पहले वापस नहीं लिया जाता।
इस आदेश के बाद जामिया मिलिया इस्लामिया ने अपने छात्रों और शिक्षकों को विश्वविद्यालय परिसर व उसके आसपास समूह में एकत्रित नहीं होने का निर्देश दिया है क्योंकि पुलिस ने पूरे ओखला इलाके में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत पाबंदी लगा रखी है। विश्वविद्यालय के मुख्य ‘प्रॉक्टर’ ने सोमवार को जारी एक नोटिस में कहा कि जामिया नगर थाने के एसएचओ ने सूचित किया है कि 19 सितंबर से ये पाबंदियां लागू है क्योंकि सूचना मिली थी कि कुछ लोग या समूह शांति व्यवस्था भंग करने वाली गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं।
नोटिस के अनुसार एसएचओ ने कहा है कि 17 नवंबर तक पूरे ओखला (जामिया नगर) क्षेत्र में यह पाबंदी लागू रहेगी। हालांकि पुलिस ने इस बात से इनकार किया है कि यह आदेश पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के खिलाफ जारी कार्रवाई से जुड़ा है।
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