नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र की बैठक में हिस्सा लेने के लिए भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर इस वक्त अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर मे हैं, जहां उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान अफगानिस्तान में भारतीय रेस्क्यू मिशन को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अपनी बातचीत का दिलचस्प किस्सा सुनाया है।
भारतीय विदेश मंत्री ने कार्यक्रम के दौरान बताया है कि अफगानिस्तान में जिस दिन तालिबान ने कब्जा किया था, उस दिन भारतीय प्रधानमंत्री ने उन्हें आधी रात को फोन किया था। विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने कहा कि कंसुलेट पर हमले के बाद जब पीड़ितों को निकाला जा रहा था तो रात में करीब नो कॉलर आई़डी से एक फोन आया। मोबाइल पर नो कॉलर आईडी देखकर वो समझ गए थे कि दूसरी तरफ कोई खास शख्स ही होगा। फोन पर आवाज आई कि जागे हो, मैंने कहा हां सर। उन्होंने पूछा कि टीवी देख रहे हो, मैंने कहा हां सर।
उसके बाद कहा कि यह यब कब तक खत्म हो जाएगा। मेरी तरफ से जवाब था कि कम से कम दो से तीन घंटे तो लग ही जाएंगे। फिर पीएम ने कहा कि बता देना। मैंने कहा कि आपके यहां जानकारी दे दूंगा तो उन्होंने कहा मुझे बता देना। अब इस तरह के भाव से आप समझ सकते हैं कि वो शख्स हर मुद्दे पर, संकट पर खुद को कितना जोड़ कर रखते हैं।
पीएम खुद बदलाव की देन
(पीएम) मोदी खुद बदलाव की देन हैं। तथ्य यह है कि उनके जैसा कोई अंततः भारत का प्रधान मंत्री बन गया है, यह खुद दिखाता है कि भारत कितना बदल गया है। जब आप राजनीतिक जीवन में होते हैं तो आपको अलग अलग तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन जब कोई शख्स अपने प्रति, अपने काम के प्रति ईमानदार होता है तो उसकी झलक उसके काम में दिखाई देती है।
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