दिल्ली। जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने रिसर्च स्कॉलर और एक्टिविस्ट सफूरा जरगर के विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। शोध प्रबंध जमा नहीं करने के आधार पर एमफिल प्रवेश रद्द किए जाने के कुछ दिनों बाद यह फैसला विश्वविद्यालय की ओर से लिया गया है। विश्वविद्यालय द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया कि सफूरा जरगर द्वारा आयोजित विरोध और मार्च के कारण उन्हें परिसर से प्रतिबंधित गया है।
जामिया विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर लिए गए ताजा निर्णय में कहा गया है कि “यह देखा गया है कि सुश्री सफूरा जरगर कुछ छात्रों के साथ शांतिपूर्ण शैक्षणिक माहौल को बिगाड़ने के लिए अप्रासंगिक और आपत्तिजनक मुद्दों के खिलाफ परिसर में आंदोलन, विरोध और मार्च आयोजित करने में शामिल रही हैं, जो ज्यादातर बाहरी हैं। जरगर उनको उकसा रही हैं।
जामिया यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कहा है कि जरगर विश्वविद्यालय के निर्दोष छात्र और कुछ अन्य छात्रों के साथ अपने दुर्भावनापूर्ण राजनीतिक एजेंडा चला रही हैं। इसके लिए वो विश्वविद्यालय के मंच का उपयोग करने की कोशिश कर रही हैं। इसके अतिरिक्त वो संस्था के सामान्य कामकाज में बाधा डाल रही है। पूरे देश में शांतिपूर्ण शैक्षणिक वातावरण बनाए रखने के लिए तत्काल प्रभाव से पूर्व छात्रा सफूरा जरगर के विश्वविद्यालय परिसर में प्रवेश को प्रतिबंधित किया जाता है।
सफूरा जरगर को दिल्ली दंगों की आरोपी हैं। उनके खिलाफ अप्रैल 2020 में कड़े गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत कार्रवाई की गई थी। उस वक्त वो गर्भवती थीं। मानवीय आधार पर जून 2020 में उन्हें जमानत दी गई थी।
बता दें कि इससे पहले सफूरा जरगर का एडमिशन जामिया यूनिवर्सिटी ने कैंसिल कर दिया था। जिसके बाद कैंपस में छात्रों ने जमकर प्रदर्शन किया था। इस दौरान छात्रों द्वारा भड़काऊ नारे लगाए गए। प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने आरएसएस की कब्र खुदेगी, जामिया की धरती पर और एबीवीपी की कब्र खुदेगी, जामिया की धरती पर जैसे नारे लगाए थे।
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