दिल्ली। दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की मुश्किलें कम होने नाम नहीं ले रही है। असम के कामरूप की सिजीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के मानहानि मामले में सिसोदिया को समन भेजा है। कोर्ट ने उन्हें 29 सितंबर को पेश होने के निर्देश दिए हैं।
सिसोदिया ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया था कि असम सरकार ने सीएम सरमा की पत्नी को कंपनी व उनके बेटे के व्यावसायिक भागीदार को पीपीई किट की आपूर्ति का ठेका दिया था। कोरोना महामारी काल में 2020 में यह आपूर्ति पीपीई किट की बाजार दर से ज्यादा दाम पर की गई थी।उन्होंने दावा किया कि असम सरकार ने दूसरी कंपनियों से 600 रुपए की दर से पीपीई किट खरीदी जबकि सरमा ने अपनी पत्नी और बेटे के हिस्सेदारी वाली कंपनी को एक किट के लिए 990 रुपए दिए। मनीष सिसोदिया ने 4 जून को एक प्रेस कॉन्फेंस के दौरान ये आरोप लगाए थे।
जिसके बाद असम के मुख्यमंत्री ने सिसोदिया के खिलाफ 30 जून को कामरूप (ग्रामीण) सीजेएम कोर्ट में आपराधिक मानहानि का केस दायर किया था। असम के मुख्यमंत्री से पहले उनकी पत्नी रिंकी भूइयां सरमा ने भी सिसोदिया के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराया था। गुवाहाटी कामरूप सिविल जज की अदालत में मानहानि का सिविल केस दर्ज कराते हुए उन्होंने 100 करोड़ रुपए हर्जाने की मांग की है। रिंकी भूइंया और हिमंत बिस्वा सरमा ने सिसोदिया के आरोपों को खारिज करते हुए इन्हें झूठा बताया था।
एक के बाद एक मुश्किल
सिसोदिया के खिलाफ यह समन ऐसे समय पर जारी किया गया है जब वह पहले ही दिल्ली में शराब नीति को लेकर घिरे हुए हैं। शिक्षा के साथ आबकारी विभाग संभालने वाले सिसोदिया सीबीआई जांच का सामना कर रहे हैं। हाल ही में सीबीआई ने उनके घर पर छापेमारी भी की है। हालांकि, मनीष सिसोदिया ने अपने ऊपर लगे आरोपों को नकारा है और कहा है कि केजरीवाल की बढ़ती लोकप्रियता की वजह से भाजपा इस तरह के आरोप लगा रही है।
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