सवाई माधोपुर। राजस्थान के आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के सहायक निदेशक सतीश कुमार सहारिया को सस्पेंड कर दिया गया है। उनका एक आदेश हाल ही में खूब वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने कर्मचारियों से सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट बनाने को कहा था। विपक्ष ने इस आदेश पर सवाल उठाए थे। जिसके बाद प्रदेश सरकार ने उन्हें सस्पेंड करने का फैसला किया।
3 अगस्त को सहायक निदेशक सतीश कुमार सहारिया ने एक आदेश जारी किया था। इस आदेश में 6 बिंदु निर्धारित किए थे और इन बिंदुओं में युवा मित्रों की ओर से डमी ट्विटर अकाउंट और डमी फेसबुक अकाउंट बनाने के निर्देश दिए थे। साथ ही अधिक से अधिक सरकार की योजनाओं पर शेयर, लाइक और कमेंट करने के निर्देश दिए गए थे। इतना ही नहीं व्हाट्सएप प्रोफाइल फोटो भी मुख्यमंत्री की योजनाओं का ही लगाने के निर्देश जारी किए थे।
इस मामले में गुरुवार दोपहर में आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के सहायक निदेशक सतीश कुमार सहारिया ने इन आदेशों का खंडन किया। उन्होंने कहा कि यह वायरल आदेश फर्जी है और उनके विभाग की ओर से जारी नहीं हुआ है। ऐसे में सहायक निदेशक ने एक खंडन आदेश भी जारी कर दिया। लेकिन इस खंडन आदेश के क्रमांक को देखकर पूरा फर्जीवाड़ा सामने आ गया।
वायरल हुआ आदेश
दरअसल, वायरल आदेश का क्रमांक 3422 था वही खंडन आदेश का क्रमांक 3423 था। ऐसे में क्रम संख्या मैच होने के बाद खंडन आदेश पर सवाल उठने लगे और बीजेपी ने भी इसे मुद्दा बनाया। पूर्व संसदीय सचिव और भाजपा के वरिष्ठ नेता जितेंद्र गोठवाल ने इस पूरे मामले की जांच के लिए बीजेपी से मांग रखी और कहा कि सरकार सोशल मीडिया पर फर्जी फेसबुक और ट्विटर अकाउंट बनाने के निर्देश जारी कर रही है। ऐसे में डीजीपी इस मामले की जांच करवाएं।
जैसे ही बीजेपी हमलावर हुई तो राज्य सरकार भी बैकफुट पर आई और तत्काल सवाई माधोपुर के आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के सहायक निदेशक सतीश कुमार सहारिया को निलंबित कर दिया। आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशालय के संयुक्त निदेशक ओमप्रकाश बैरवा ने यह आदेश जारी किया। इसमें सवाई माधोपुर के आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के सहायक निदेशक सतीश कुमार सहारिया को निलंबित करते हुए उनका मुख्यालय जयपुर कर दिया गया।
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