कोलंबो। गोटाबाया राजपक्षे ने श्रीलंका के राष्ट्रपति के पद से इस्तीफा दे दिया है। गोटाबाया ने ई-मेल से अपना इस्तीफा श्रीलंकाई संसद के स्पीकर को भेज दिया है। गोटाबाया राजपक्षे ने बुधवार को देश छोड़ दिया था और वह मालदीव चले गए थे। वहां एक दिन रहने के बाद वह आज सिंगापुर पहुंचे हैं।
सिंगापुर सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि गोटाबाया राजपक्षे निजी दौरे पर पहुंचे हैं। सिंगापुर ने कहा कि न तो गोटाबाया ने हमसे शरण मांगी है और न ही हमने उन्हें शरण दिया है। इस बीच श्रीलंका में प्रदर्शन का दौर जारी है जिसे ठीक करने के लिए सेना को जमीन पर उतरना पड़ा है। श्रीलंकाई सेना ने एक बयान में प्रदर्शनकारियों से आग्रह किया कि वे सभी प्रकार की हिंसा से दूर रहें या नतीजे भुगतने के लिए तैयार रहें क्योंकि मानव जीवन को खतरे, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान की स्थिति में सशस्त्र बलों के सदस्यों को कानूनी रूप से बल का प्रयोग करने का अधिकार है।
श्रीलंका में बुधवार को प्रधानमंत्री कार्यालय और संसद के मुख्य मार्ग पर प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा बलों के साथ झड़प के बाद कम से कम 84 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। अवरोधकों को तोड़ने और प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश करने की कोशिश कर रही भीड़ पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछारें कीं।
इसके साथ ही श्रीलंका में शुक्रवार को होने वाली संसद की बैठक को अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया है। स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने ने कहा कि राष्ट्रपति का त्याग पत्र मिलने के तीन दिन के भीतर संसद को बुलाया जाएगा। गोटबाया राजपक्षे ने इस्तीफा दे दिया है, ऐसे में संसद की बैठक बुलाने की प्रक्रिया फिर से शुरू होने की उम्मीद है। इससे पहले, पार्टी नेताओं की बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के 13 जुलाई को अपना इस्तीफा सौंपने के बाद 15 जुलाई को संसद बुलाई जाएगी।
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