रांची। झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस पिछले दिनों रांची के मेन रोड में उग्र विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई पत्थरबाजी और तोड़-फोड़ की हिंसक घटना पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि किसी भी हाल में एक भी उपद्रवी बख्शे नहीं जाने चाहिए। इस घटना के लिए जो भी दोषी हों, उनके विरुद्ध शीघ्र कानूनी कार्रवाई हाे।
राज्यपाल ने सोमवार को राज्य के पुलिस महानिदेशक नीरज सिन्हा, एडीजी अभियान संजय आनंद लाटकर के अलावा रांची के उपायुक्त छवि रंजन तथा वरीय पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र झा को तलब किया। उन्होंने हिंसा और उसके बाद की घटनाओं की जानकारी लेते हुए कई सवाल किए। राज्यपाल ने पदाधिकारियों से कहा कि सभी प्रदर्शनकारियों और पकड़े गए लोगों की पूरी जानकारी लें तथा उनका नाम और पता सार्वजनिक करें। शहर में मुख्य स्थानों पर उनकी तस्वीरें होर्डिंग में लगवाएं ताकि जनता भी उन्हें पहचान सके और पुलिस की मदद कर सके।
राज्यपाल ने यह भी कहा कि जो लोग इन घटनाओं के बारे में या इंटरनेट मीडिया के माध्यम से अफवाहें फैला रहे हैं, उनकी भी पहचान कर उनके विरुद्ध कार्रवाई करें। उन्होंने डीजीपी नीरज सिन्हा से पूछा कि रांची में शुक्रवार को उपद्रवियों पर गोली चलाने से पहले वाटर कैनन, रबर बुलेट व आंसू गैस का इस्तेमाल क्यों नहीं किया? ये सब चीजें उस समय वहां उपलब्ध क्यों नहीं थीं। प्रस्तावित घटना, धरना-प्रदर्शन और जुलूस के बारे में प्रशासन के पास क्या जानकारी थी और क्या व्यवस्था की गयी थी।
पुलिस ने 47 उप्रद्रवियों को उठाया
पुलिस ने अब तक जहां 12 लोगों को गिरफ्तार किया है तो 35 अन्य को अलग अलग जगहों से उठाया है। हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ कर रही है। गिरफ्तार लोगों में से सात का अभी रिम्स में इलाज चल रहा है। वहीं 5 थाना क्षेत्रों में रहने वाले 155 लोगों पर 107 के तहत निरोधात्मक कार्रवाई की गई है। पुलिस अब सीसीटीवी फुटेज, कॉल डंप और ड्रोन कैमरा के जरिए अन्य उपद्रवियों की पहचान करने में जुट गई है। हिंसा के बाद पुलिस उपद्रवियों की तलाश में जुट गई है। इसी क्रम में विशेष जांच दल 42 स्थानों पर छापेमारी कर चुकी है। डोरंडा, लोअर बाजार, डेली मार्केट और हिंदपीढ़ी थाने में 36 नामजद के अलावा 11 हजार अज्ञात पर प्राथमिकी दर्ज की गई है।
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