दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोलकाता की एक कंपनी से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग के सिलसिले में एक और कार्रवाई की है। ईडी ने सोमवार को दिल्ली के स्वास्थ्य और गृह मंत्री सत्येंद्र जैन के आवास पर छापेमारी की। बीते 30 मई को ईडी ने सत्येंद्र जैन को मनी लान्ड्रिंग केस में हिरासत में लिया था। इसके बाद उन्हें 9 जून तक के लिए जेल भेज दिया गया था।
मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में फंसे दिल्ली सरकार के मंत्री को हाल ही में हाईकोर्ट से झटका लगा था। कोर्ट ने ईडी की पूछताछ के दौरान वकील की मौजूदगी पर रोक लगा दी है। इससे पहले अप्रैल महीने में प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम, 2002 के तहत जैन के परिवार और कंपनियों की 4.81 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियां कुर्क की थी। इसमें अकिंचन डेवेलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, इंडो मेटल इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड और अन्य कंपनियों की संपत्तियां शामिल थीं।
दरअसल ईडी ने सीबीआई द्वारा दायर की गई एक एफआईआर के आधार पर जैन के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज किया था। एफआईआर में कथित रूप से इस बात का उल्लेख था कि सत्येंद्र जैन उन चार कंपनियों द्वारा प्राप्त धन के स्रोत की जानकारी नहीं दे पाए जिनमें वो शेयरहोल्डर हैं। जैन पर कथित आरोप हैं कि उन्होंने दिल्ली में कई शेल कंपनियों को लॉन्च किया या खरीदा था। उन्होंने कोलकाता के तीन हवाला ऑपरेटरों की 54 शेल कंपनियों के माध्यम से 16.39 करोड़ रुपये के काले धन को भी सफेद किया था।
जैन के पास प्रयास, इंडो और अकिंचन नाम की कंपनियों में बड़ी संख्या में शेयर थे। रिपोर्ट्स के अनुसार, 2015 में केजरीवाल सरकार में मंत्री बनने के बाद जैन के सभी शेयर उनकी पत्नी के नाम कर दिए गए थे।
जानकारी के अनुसार इन कंपनियों का प्रयोग कोलकाता की कंपनियों को नकद पैसे भेजने के लिए किया जाता था और बाद में शेयर खरीदने के नाम पर कानूनी रूप से जैन को पैसे वापस कर दिए जाते थे। कथित तौर पर इनके माध्यम से जैन ने 2010 से 2014 तक 16.39 करोड़ रुपये के काले धन को सफेद किया है।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, इस मामले में जब आयकर विभाग द्वारा मुकदमा चलाया गया तो जैन ने दो फर्जी खाताधारकों (वैभव जैन और अंकुश जैन) के नाम पर जमा 16.39 करोड़ रुपये को ‘आय प्रकटीकरण योजना (आईडीएस), 2016’ के तहत नकदी के रूप में सरेंडर कर दिया।
ईडी की यह कार्रवाई ऐसे समय पर हुई है जब दिल्ली के मंत्री की गिरफ्तारी को लेकर बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच राजनीतिक विवाद चल रहा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पिछले हफ्ते एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सभी आप नेताओं को गिरफ्तार करने को कहा था। उन्होंने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के गिरफ्तार होने की संभावना जताई थी। वहीं भाजपा को हमला करने का एक मौका मिल गया है। भाजपा लगातार यह प्रश्न कर रही है कि केजरीवाल को बताना चाहिए कि केवल एक ही पते पर 240 कंपनियां कैसे चल रहीं थीं।
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